शहबाज शरीफ क्यों दे रहे US को सख्त संदेश? ट्रंप की वापसी से पहले ही असमंजस में फंसा पाकिस्तान…

कमला हैरिस को करारी शिकस्त देकर जिस अंदाज में डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिकी सत्ता में लौटे हैं।

उनके फैसलों और कदमों पर पूरी दुनिया की नजरें हैं। अभी अमेरिका की गद्दी पर नहीं बैठे हैं, लेकिन दुनियाभर में हड़कंप जरूर मचा दिया है।

नामा नहर मसला हो, भारत-चीन को टैरिफ की धमकी, कनाडा को अमेरिका में शामिल होने का न्योता या फिर दुनियाभर से सभी युद्धों को खत्म करने के दावे… ट्रंप के बयान और तेवरों ने दुनियाभर के लोगों को आशंकित कर दिया है कि वे राष्ट्रपति गद्दी पर बैठने के बाद क्या करेंगे? दो दिन पहले ट्रंप के सलाहकार रिचर्ड ग्रिनेल ने इमरान खान की रिहाई की मांग उठा दी।

जिसने पाकिस्तान भर में हलचल पैदा कर दी है। इस मसले पर अब पाकिस्तान सरकार का बयान आया है। शहबाज सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका से अच्छे संबंध बरकरार रखना चाहता है, लेकिन सम्मान की कीमत पर नहीं।

दरअसल, पूरा मामला ट्रंप के सलाहकार रिचर्ड ग्रिनेल का न्यूजमैक्स को दिए इंटरव्यू से जुड़ा हुआ है।

मंगलवार को टीवी में दिए बयान में उन्होंने कहा था कि ‘इमरान खान राजनेता नहीं बल्कि क्रिकेटर थे और वह ऐसी भाषा में बात करते थे जो ज्यादा समझ में आती थी और ट्रंप के उनके साथ अच्छे रिश्ते थे। मेरा मानना ​​है कि जो लोग राजनेता नहीं हैं, जिनके पास सामान्य ज्ञान है और जिनके पास व्यावसायिक कौशल है, वे ज्यादा बेहतर काम करते हैं।’

उन्होंने कहा था कि ‘मैं चाहूंगा कि इमरान खान जेल से रिहा हो जाएं। वह फिलहाल जेल में हैं और डोनाल्ड ट्रंप जैसे ही आरोपों का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल ने उन पर भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल में बंद कर दिया है।”

इमरान खान पर कितने और क्या-क्या आरोप

बता दें कि इमरान खान पर शहबाज सरकार ने 100 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कराए हैं। इसमें अल कादिर ट्रस्ट के लिए बहरिया टाउन से दान लेने का आरोप, पीएम रहते हुए मिले तोहफो को तोशखाना में जमा न करवाना, महिला जज को धमकी देना और अपमानित करना शामिल है।

तोशखाना और जज को धमकी वाले केस में उन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। इमरान खान के समर्थक भी लगातार प्रदर्शनों से सरकार के प्रति रोष व्यक्त कर चुके हैं।

रिचर्ड के बयान से पाकिस्तान में भूकंप

रिचर्ड के बयान पर अब पाकिस्तान सरकार में भूकंप ला दिया है। शहबाज सरकार को आनन-फानन में बयान देना पड़ा। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह अपने सम्मान को बचाए रखते हुए ही अमेरिका के साथ संबंध सुधारना चाहता है।

गुरुवार को विदेश कार्यालय में एक ब्रीफिंग के दौरान प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान आपसी सम्मान और हितों के आधार पर अमेरिका के साथ सकारात्मक संबंध चाहता है।

आशा है अमेरिका भी इस बात का ध्यान रखेगा। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने रिचर्ड ग्रिनेल के बयान को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ‘मैं किसी एक व्यक्ति के बयान पर कोई राय नहीं दे सकती. अमेरिकी अधिकारियों के साथ चर्चा जारी रखेंगे।’

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