“लॉटरी किंग सेंटियागो मार्टिन का टर्नओवर है इतने हजार करोड़, ED ने क्या खुलासा किया?”…

राजनीतिक दलों को सबसे ज्यादा चंदा देने वाले लॉटरी किंग सेंटियागो मार्टिन के खिलाफ जांच जारी है।

अब खुलासा हुआ है कि उनकी कंपनी का साल का टर्नओवर हजारों करोड़ रुपये का है। ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह खुलासा हुआ है।

मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ मेघालय सरकार की तरफ से एक समेत 4 FIR दर्ज हैं। हाल ही में ईडी ने उनके कई ठिकानों पर दबिश दी थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, ईडी की जांच से पता चला है कि मार्टिन का सालाना टर्नओवर 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है। उनके खिलाफ ईडी साल 2014 से जांच कर रही है।

इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की मार्टिन की संपत्तियां अटैच कर चुकी है। मार्टिन फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाते हैं।

मार्टिन और उनकी कंपनी के खिलाफ 2014 में सीबीआई ने एक, 2022 में कोलकाता पुलिस की तरफ से दो और 2024 में मेघालय सरकार ने एक FIR दर्ज कराई थी। ED इन FIR को आधार बनाकर जांच कर रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, जांच में पता चला है कि मार्टिन ने ‘अपराध से आय’ से संपत्ति खरीदने के लिए 350 से ज्यादा कंपनियां और SPV यानी स्पेशल पर्पज व्हीकल शुरू किए थे। खास बात है कि इनमें से कई वाहन प्रॉपर्टी बेचने वालों को इनामी लॉटरी देकर खरीदे गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार, मार्टिन के रिश्तेदार औऱ दोस्तों को लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किया गया था, जो इनामी लॉटरी रखते हैं और ड्रॉ के बाद इनाम की रकम रख लेते हैं।

ये लॉटरियां न जनता तक पहुंचती और न राज्य सरकार को वापस मिली। एजेंसी को टिकटों के बिना बिके बंडल मिले हैं, जिनमें कुछ इनाम वाले भी शामिल थे।

अखबार से बातचीत में एक सूत्र ने कहा, ‘फ्यूचर गेमिंग की लॉटरी बेचने के बाद सालाना टर्नओवर 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होने के बाद भी कंपनी ने बहुत कम मुनाफा दिखाया था।

कंपनी मुख्य रूप से सिक्किम स्टेट लॉटरी में डील करती है और पंजाब, गोवा, महाराष्ट्र और केरल के अलावा इसकी अधिकांश बिक्री पश्चिम बंगाल में होते है। सिक्किम लॉटरी से कैश मिलने के बाद मार्टिन ने 2014 तक राज्य सरकार को राजस्व के तौर पर सिर्फ 8-10 करोड़ रुपये सालाना दिए हैं।’

खास बात है कि मार्टिन ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को 1368 करोड़ रुपये का चंदा दिया था। ये रकम 2019 से 2024 के बीच दी गई थी।

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