लखनऊ में केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को रिहा करने का आदेश जारी, पीऍफ़आई (PFI) से संबंध होने के थे आरोप…

लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने हाथरस कांड को कवर करने के लिए वारदात वाले जिले में जाते वक्त अक्टूबर 2020 में गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन को रिहा करने का आदेश सोमवार को जारी कर दिया।

कप्पन को गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम, आईटी अधिनियम तथा भारतीय दंड विधान की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। 

अपर सत्र न्यायाधीश अनुरोध मिश्रा ने कप्पन को एक-एक लाख रुपये के दो जमानत पत्रों तथा इतनी ही रकम का एक निजी मुचलका भरने के निर्देश दिए।

अपर सत्र न्यायाधीश ने कप्पन से यह शपथ भी ली कि वह उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित शर्तों का उल्लंघन नहीं करेंगे, जिसने उन्हें हाल ही में जमानत दी है।

गौरतलब है कि पांच अक्टूबर 2020 को केरल के पत्रकार सिद्दीक कप्पन तथा तीन अन्य लोगों को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

इन्हें कोई संज्ञेय अपराध करने की मंशा रखने के शक में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत गिरफ्तार किया था, लेकिन चारों के खिलाफ बाद में राजद्रोह और आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने चारों के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से संबंध होने के भी आरोप लगाए थे। गिरफ्तारी के वक्त वे हाथरस जा रहे थे, जहां 14 सितंबर 2020 को एक दलित लड़की से कथित रूप से बलात्कार किया गया था। बाद में दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी।

पीड़िता के परिजनों का आरोप था कि लड़की के शव का कथित तौर पर उनकी मर्जी के बगैर जिला प्रशासन ने अंतिम संस्कार करवा दिया था।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को जमानत दे दी थी। कप्पन को 2020 में हाथरस जाते वक्त यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

यूपी सरकार ने कप्पन के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया था।

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए आदेश दिया था कि अगल 6 हफ्ते तक सिद्दीकी दिल्ली में रहेंगे और स्थानीय थाने में हाजिरी भरेंगे, उसके बाद वह केरल जा सकते हैं।

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