यूनूस चीन यात्रा से पहले पीएम मोदी से मिलना चाहते थे, लेकिन भारत ने नहीं दिया कोई महत्व…

बांगलादेश सरकार के अंतरिम मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद युनूस चीन की यात्रा पर हैं।

इससे पहले वह भारत आना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने भारत सरकार से आग्रह भी किया था, लेकिन उन्हें भारत की तरफ से भाव नहीं मिला। इस बारे में उनके प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने जानकारी दी है।

अंग्रेजी अखबरा ‘द हिंदू’ ने अपनी एक रिपोर्ट में उनके हवाले से कहा था, “हमने दिसंबर 2024 में ही भारत से मुख्य सलाहकार प्रोफेसर युनूस की द्विपक्षीय यात्रा के लिए अनुरोध किया था। यह चीन की यात्रा को अंतिम रूप दिए जाने से पहले का समय था। अफसोस की बात है कि हमें सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।”

प्रोफेसर युनूस दक्षिण एशिया के दूसरे नेता हैं जिनकी बीते चार महीनों में चीन मेजबानी कर रहा है।

इससे पहले नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने दिसंबर 2024 में चीन का चार दिवसीय दौरा किया था। इस दौरान नेपाल और चीन के बीच नौ-सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।

आलम ने कहा कि युनूस चीन यात्रा के बाद 3-4 अप्रैल को बैंकॉक में होने वाले BIMSTEC शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि बांगलादेश ने फिर से भारत से अनुरोध किया है कि वे BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रोफेसर युनूस की मुलाकात का अवसर प्रदान करें और वे भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं।

हाल ही में जब विदेश मंत्री एस जयशंकर से इसके बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि आगामी बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैठक के लिए पड़ोसी देश द्वारा किए गए अनुरोध पर विचार किया जा रहा है।

सूत्रों ने बताया कि विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की इस वर्ष की पहली बैठक में कई सांसदों ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों पर चिंता जताई और पूछा कि भारत इस संबंध में क्या कदम उठा रहा है।

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