‘मनरेगा फंड चाहते हैं? तो 5 पैमानों पर अपना काम दिखाएं’ : केंद्र ने राज्यों को दिलाया याद…

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत धन हासिल करने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित संकेतकों के अनुपालन को दर्शाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘मनरेगा फंड के इस्तेमाल में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाए गए संकेतकों के अनुपालन का आकलन अक्टूबर में किया जाएगा।’

मंत्रालय के इस कदम से केंद्र और राज्यों के बीच तकरार होने की संभावना है क्योंकि कईयों ने अभी भी निर्धारित संकेतकों का पालन नहीं किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुलाई में केंद्र पर मनरेगा के फंड को रोकने का आरोप लगाया था। केंद्र ने उस वक्त कहा था कि राज्यों को फंड जारी करने के लिए मानकों का पालन करने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैंने राज्यों को लिखा है कि हमारे पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जरूरत है और यह भी कि कोई वित्तीय अनियमितता नहीं होनी चाहिए। हम अक्टूबर में राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देखेंगे और अनुपालन का आकलन करेंगे।’

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर याद दिलाया है कि उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) के तहत धन हासिल करने के लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित संकेतकों के अनुपालन को दर्शाने वाली कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘मनरेगा फंड के इस्तेमाल में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए लाए गए संकेतकों के अनुपालन का आकलन अक्टूबर में किया जाएगा।’

मंत्रालय के इस कदम से केंद्र और राज्यों के बीच तकरार होने की संभावना है क्योंकि कईयों ने अभी भी निर्धारित संकेतकों का पालन नहीं किया है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जुलाई में केंद्र पर मनरेगा के फंड को रोकने का आरोप लगाया था। केंद्र ने उस वक्त कहा था कि राज्यों को फंड जारी करने के लिए मानकों का पालन करने की जरूरत है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘मैंने राज्यों को लिखा है कि हमारे पास धन की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें पारदर्शिता सुनिश्चित करने की जरूरत है और यह भी कि कोई वित्तीय अनियमितता नहीं होनी चाहिए।

हम अक्टूबर में राज्यों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट देखेंगे और अनुपालन का आकलन करेंगे।’

दक्षिणी राज्यों की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर
दक्षिणी राज्यों ने मानदंडों को पूरा करने की कोशिश की है – आंध्र (13,114 ग्राम पंचायतों में से 12,675 में व्हाट्सएप समूह हैं), तेलंगाना (12,771 ग्राम पंचायतों में से 12,426 में समूह है), तमिलनाडु (12,525 ग्राम पंचायतों में से 10,073 व्हाट्सएप पर हैं) और कर्नाटक (6,017 पंचायतों में से 4,679 व्हाट्सएप के माध्यम से जुड़े हुए हैं)।

हालांकि, उत्तर प्रदेश में जहां 59,168 ग्राम पंचायतें हैं, वहीं केवल 28,930 ही व्हाट्सएप पर हैं। पश्चिम बंगाल में 3,340 ग्राम पंचायतों में से केवल 859 में व्हाट्सएप ग्रुप हैं। हिमाचल प्रदेश की 3,642 ग्राम पंचायतों में से केवल 86 ही व्हाट्सएप पर हैं, जबकि गुजरात में 14,215 ग्राम पंचायतों में से 290 ने इस संकेतक को पूरा किया है।

राज्यों को मंत्रालय की तरफ से लिखे गए पत्र में इन पांच संकेतकों पर जोर दिया गया है:

1 सामाजिक लेखा परीक्षा: ‘ग्राम पंचायत सामाजिक लेखा परीक्षा इकाई के लिए एक स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति करे, राज्य को ग्राम पंचायतों के लिए सामाजिक लेखा परीक्षा की योजना बनाने और उसे संचालित करने के लिए, लेखा परीक्षा द्वारा रिपोर्ट की गई वित्तीय हेराफेरी राशि की समयबद्ध वसूली करने की जरूरत है। राज्यों को सामाजिक लेखा परीक्षा ग्राम सभा (एसएयू) में पर्याप्त संसाधन कर्मियों का प्रावधान सुनिश्चित करने की भी आवश्यकता है।’

2 लोकपाल: ‘अधिनियम के मौजूदा प्रावधान के अनुसार, यदि अब तक नहीं किया गया है, तो राज्य के सभी जिलों के लिए लोकपाल की भर्ती समयबद्ध तरीके से पूरी की जानी है।’

3 राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस): ‘महात्मा गांधी नरेगा कार्यस्थलों पर श्रमिकों की रीयल-टाइम उपस्थिति, साथ ही भारत सरकार की सलाह के अनुसार नरेगा सॉफ्ट पर जियोटैग की गई तस्वीरों को अपलोड किया जाएगा।’

4 एरिया ऑफिसर मॉनिटरिंग विजिट ऐप: ‘सभी अधिकृत अधिकारी यात्रा के न्यूनतम लक्ष्य के अनुसार चल रहे दौरे यानी राज्य मुख्यालय के अधिकारियों / डीपीसी / एडीपीसी के लिए प्रति माह 10 चल रहे कार्यस्थलों का दौरा करेंगे और पीओ द्वारा 15 और इसी तरह का दौरा तकनीकी व अन्य अधिकारी द्वारा भी किया जाना चाहिए।’

5 ग्राम पंचायतों के व्हाट्सएप ग्रुप।

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