भारत से ‘जुड़ाव’ की मिली सजा? कनाडा के सांसद आर्य का चुनाव टिकट पार्टी ने किया रद्द…

कनाडा की लिबरल पार्टी के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य को पार्टी ने आगामी चुनाव के लिए टिकट देने से इनकार कर दिया है।

चंद्र आर्य पिछले तीन चुनावों से ओटावा के नेपियन निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ते आए हैं। कनाडा में उनके टिकट कटने की खबरों को भारत से साथ उनके जुड़ाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

क्योंकि चंद्र आर्या अपनी पार्टी के खालिस्तानी जुड़ाव को लेकर खुले तौर पर बोलते रहे हैं।

कनाडाई समाचार पत्र ग्लोब एंड मेल में लिखा गया कि आर्य का टिकट करने की मुख्य वजह भारत के साथ उनके संबंध ही हैं।

पिछले साल जब भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव था तब आर्य बिना कनाडाई सरकार को बताए भारत यात्रा पर चले गए थे।

पिछले साल अगस्त में की गई इस यात्रा के दौरान आर्य ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी। हालांकि लिबरल पार्टी या चंद्र आर्य की तरफ से इस बात के ऊपर कोई जवाब नहीं दिया गया है कि आखिर उन्हें चुनाव लड़ने से क्यों रोका गया।

सूत्रों का हवाला देते हुए खबर में बताया गया कि कनाडाई सुरक्षा सेवा ने सरकार को आर्या के ओटावा स्थित भारतीय दूतावास सहित भारत सरकार के साथ करीबी संबंधों के बारे में जानकारी दी गई थी।

सांसद आर्य ने इस सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने अखबार को दिए एक बयान में कहा कि एक सांसद के तौर पर मेरा कनाडा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई राजनयिकों और सरकार प्रमुखों से संपर्क रहा है।

मैंने एक बार भी ऐसा करने के लिए सरकार से अनुमति नहीं मांगी है, और न ही मुझे इसकी आवश्यकता पड़ी है।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो या किसी भी कैबिनेट मंत्री ने कभी भी उनकी मुलाकातों या सार्वजनिक बयानों पर चिंता नहीं जताई।

आर्य ने बयान में कहा, ‘‘लिबरल पार्टी के साथ विवाद का एकमात्र मुद्दा हिंदू कनाडाई लोगों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर मेरी मुखर वकालत और खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ मेरा दृढ़ रुख रहा है।’’

आपको बता दें कि कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफा देने पर मार्को कार्नी वहां के प्रधानमंत्री बने हैं। कार्नी ने महीनों पहले ही आम चुनाव की घोषणा कर दी।

28 अप्रैल को कनाडा की जनता आगामी सरकार के लिए वोट करेगी। इससे पहले पिछले सप्ताह सांसद आर्य ने लिबरल पार्टी की तरफ से उन्हें जारी किए गए पत्र को पोस्ट करते हुए लिखा था कि उन्हें जानकारी दी गई है कि पार्टी ने उनके नामांकन को अस्वीकार करने का निर्णय लिया है।

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