कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बड़े पैमाने पर जलभराव के बाद शहर के नगर निकाय बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका ‘बीबीएमपी’ ने बड़ा एक्शन लेते हुए बुलडोजर से अवैध निर्माणों को ढहाना शुरू कर दिया है।
यह अवैध निर्माण नालों और जल निकासी क्षेत्रों में बने थे, जिससे बेंगलुरु में जलभराव की समस्या खड़ी हो गई।
बीबीएमपी की टीमें महादेवपुरा जोनों में चिन्नपन्हाल्ली से मुन्नेनकोला झील तक दो स्थानों पर पहुंचीं और नगरपालिका अधिकारियों ने जल निकासी पर किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर दिया।
इस कार्रवाई के दौरान निर्माण ढहाने पहुंची टीम ने लेआउट पर काम शुरू किया है, जिसमें पानी के नाले पर बने रागम मेगा स्टोर के कुछ हिस्सों को साफ किया गया।
बीबीएमपी के मुख्य अभियंता बसवराज कबाडे ने कहा कि बीस इमारतों ने मसाला उद्यान के पास अतिक्रमण किया है और पांच इमारतें चिन्नपन्हाल्ली में तूफान के पानी के नाले पर हैं।
इस पर राजस्व विभाग नोटिस जारी करेगा और उन्हें इमारतों को खाली करने का समय दिया जाएगा। इसके साथ ही सात दिन बाद हम उन इमारतों को भी ध्वस्त कर देंगे और जल निकासी का निर्माण करेंगे।
ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दायरे में मध्यवर्ग, उठने लगे सवाल
इस कार्रवाई को लेकर अब सवाल भी उठने लगे हैं।
यहां तक कि जब बीबीएमपी ने विध्वंस अभियान शुरू किया, तब भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह शक्तिशाली लोगों के स्वामित्व वाले बड़े तकनीकी पार्कों को बख्शते हुए आम आदमी के निर्माण को निशाने पर ले रहा है?
आईटी पार्क पर नहीं की कार्रवाई
एक बीबीएमपी विध्वंस दस्ता सुबह बागमने टेक पार्क पहुंचा और यहां तक कि आईटी पार्क द्वारा 2.4 मीटर तूफानी जल निकासी अतिक्रमण की पहचान की और चिह्नित किया।
पुलिस के साथ अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन रहस्यमय तरीके से वे कुछ घंटे बाद बिना किसी ढांचे को गिराए टेक पार्क से निकल गए।