बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
हाल ही में हिंदू संत चिन्यम दास प्रभु की गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं एक बार फिर सामने आई हैं।
दास को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार से निपटने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप की मांग कर चुकी है।
अब बांग्लादेश प्रकरण पर टीएमसी के मुस्लिम विधायक रफीकुर रहमान ने कहा है कि बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, इस्लाम उसका समर्थन नहीं करता है।
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद से हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार की कई घटनाएं हुई हैं।
बांग्लादेश में अत्याचारों को रोकने की वकालत करते हुए रहमान ने कहा कि केंद्र को स्थिति से निपटने के लिए कानूनी सहारा लेना चाहिए।
उत्तर 24 परगना जिले के अमडांगा से विधायक रहमान ने संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को वापस लेने का आग्रह करने वाले प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए विधानसभा में कहा, ‘‘बांग्लादेश में जो हो रहा है, इस्लाम उसका समर्थन नहीं करता है।’’ वहीं, तृणमूल कांग्रेस सरकार में मंत्री सबीना यास्मीन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दे पर ‘‘दोहरे मानदंड’’ अपनाने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि भाजपा बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों का विरोध कर रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि भाजपा को ‘‘दोहरी’’ नीति नहीं अपनानी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बरकरार रखा जाए।