यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का अमेरिकी नेतृ्त्व वाले सैन्य संगठन नाटो पर से भरोसा डगमगा गया है।
यूरोपीय देशों से यूरोप की एक नई सेना बनाने की मांग करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम इस बारे में तेजी के साथ कदम बढ़ाए।
रूस के साथ यूक्रेन की लंबी चलती लड़ाई इस कदम के लिए एक मजबूत नींव और वजह है। यूरोपीय नेताओं को अपनी सुरक्षा के लिए यह कदम उठाना ही होगा।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में अपनी बात रखते हुए यूक्रेनी नेता ने कहा कि यूरोप को अपनी सेना बनाने में देर नहीं करना चाहिए, क्योंकि हम इस संभावना से इनकार नहीं कर सकते कि अगर कभी अमेरिका को अपने ऊपर कोई बात आते हुए दिखती है तो वह यूरोप की मदद करने से इनकार भी कर सकता है।
हमारे कई नेता इस पर बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि मुझे सच में विश्वास है कि अब समय आ गया है कि यूरोप अपने बारे में सोचे और अपनी सशस्त्र सेनाएं बनाएं।
ट्रंप ने मीटिंग में यूरोप का जिक्र ही नहीं किया- जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा कि कुछ दिनों शांति समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ मेरी मीटिंग हुई। इस बातचीत में उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि शांति समझौते के लिए उन्हें यूरोप की जरूरत है।
यह बात अपने आप में कुछ कहती है। अब पुराने दिन खत्म हो चुके हैं, जब अमेरिका यूरोप का समर्थन सिर्फ इसलिए करता था क्योंकि वह हमेशा से करता आया था। हमें अब अपनी सुरक्षा का ध्यान खुद रखना होगा।
जेलेंस्की ने कहा कि तीन साल से चल रहे इस युद्ध ने यह साबित कर दिया है कि हमारे पास अब पहले से ज्यादा मजबूत यूरोपीय सैन्य बल की नींव है।
जेलेंस्की जब यह भाषण दे रहे थे तब वहां पर नाटो के महासचिव मार्क रुटे भी मौजूद थे।
जेलेंस्की ने उनके सामने कहा कि मेरा विचार गठबंधन को बदलने के बारे में नहीं है। मैं बस इतना कह रहा हूं कि यूरोप को भी गठबंधन में अमेरिका के बराबर आना चाहिए, और एक सशस्त्र सेना को तैयार करना चाहिए।