नागपुर के दिनों को याद कर भावुक हुए न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित, भरपूर क्षमता से काम करने का वादा किया…

 भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) उदय उमेश ललित ने एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत में महाराष्ट्र के नागपुर शहर में बिताए दिनों को शनिवार को याद किया और भावुक हो गए।

उनकी आंखों से अश्रू छलक पड़े, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में अपने सम्बोधन में कहा कि वह सीजेआई के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने सर्वोत्तम ज्ञान और क्षमता के अनुसार सब कुछ करने का वादा किया।

उन्होंने कहा कि नागपुर में बोलते हुए उन्हें पुराने दिनों की याद आ रही है, जब उन्होंने कानूनी पेशे की अपनी यात्रा शुरू की थी।

सीजेआई ने रुडयार्ड किपलिंग की एक कविता का उल्लेख किया, जिसमें यह कहा गया है कि जीवन एक यात्रा है। 

वह इस दौरान भावुक हो गये और सम्बोधन के दौरान कुछ क्षण के लिए आंसू के माध्यम से आंखों से निकल रहे जज्बातों को अपने काबू में किया। 

उन्होंने आंसू पोंछे और भावनाओं पर काबू न रख पाने के लिए क्षमा मांगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे सिर्फ एक वादा करना है… मैं अपनी पूरी जानकारी और क्षमता के अनुसार सब कुछ करूंगा।’’

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