प्रदेश की राजधानी रायपुर से भिलाई तक का सफर अब लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
यहां बन रहे 4 फ्लाई ओवर ब्रिज के चलते सर्विस रोड पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुकी है।
भिलाई से लेकर कुम्हारी थाने तक एक साइड में 3 हजार 221 गड्ढे मिले, दूसरी साइड में भी इतने ही गड्ढे मिले।
कुल मिलाकर दोनों तरफ से 6 हजार से अधिक गड्ढे हैं। लोगों का कहना है सर्विस रोड का मेंटिनेंस नहीं किया जा रहा है,इससे लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी हो रही है।
भास्कर की टीम सुपेला घड़ी चौक से लेकर कुम्हारी थाने तक गई। लगभग 28-30 किलोमीटर की इस दूरी में 350 करोड़ रुपए की लागत से चार फ्लाई ओवर ब्रिज बन रहे हैं।
पहला सुपेला, दूसरा पावर हाउस, तीसरा खुर्सीपार और चौथा कुम्हारी ओवर ब्रिज। इसके चलते नेशनल हाईवे 53 का सफर सर्विस रोड के भरोसे चल रहा है।
फ्लाई ओवर ब्रिज बनाने वाली निर्माण एजेंसी और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों की लापरवाही चलते सर्विस रोड की मरम्मत को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
हालत यह है कि भिलाई से रायपुर की तरफ सिर्फ एक ही साइड में 30 किलोमीटर में 3221 गड्ढे हो गए हैं। इसमें भी कई गड्ढे तो जानलेवा हैं।
यदि उसमें छोटी गाड़ियों के पहिए जाएं तो दुर्घटना होना तय है। रायपुर से भिलाई की तरफ की सर्विस रोड का भी लगभग यही हाल है।
इस बारे में कलेक्टर और ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि वह लोग बार-बार सर्विस रोड को सुधारने के लिए निर्देश देते हैं। सुधार किया भी जाता है, लेकिन बारिश के चलते रोड फिर से खराब हो जा रही है।
6 महीने में 100 से अधिक मौतें
एनएच के बगल से बने सर्विसर रोड की हालत खराब होने से यहां आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक पिछले 6 महीने के आंकड़ों की बात करें तो यहां 100 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।
वहीं दुर्घटनाओं में 1000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसमें 300 लोगों को गंभीर चोटें आई हैं। इसके बाद भी निर्माण एजेंसी और जिला प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।
रायपुर और दुर्ग दोनों ही जिले राजनीतिक और व्यापारिक रूप से छत्तीसगढ़ राज्य में काफी मजबूत हैं। भिलाई से हर दिन हजारों की संख्या में लोग रायपुर और रायपुर से भिलाई दुर्ग ड्यूटी या व्यापारिक कार्य से आना जाना करते हैं।
रोजाना दोनों शहरों के बीच एक लाख से अधिक चार व दो पहिया वाहनों का आना जाना होता है। ट्रकों की बात करें तो नेशनल हईवे होने के कारण इनकी गिनती करना संभव नहीं है।
इनकी संख्या भी एक लाख से अधिक है। इस तरह यहां से हर दिन दो लाख से अधिक वाहनों का आना-जाना होता है।
अधिकारियों का बार-बार दौरा फिर भी स्थिति जस की तस
पीडब्ल्यूडी के सचिव से लेकर दुर्ग कलेक्टर व एसपी ट्रैफिक पुलिस, PWD एनएच के अधिकारियों व निर्माण एजेंसी के साथ कई बार फ्लाई ओवर ब्रिज व सर्विस रोड का दौरा कर चुके हैं।
कई बार अल्टीमेटम भी दिया गया कि सर्विस रोड को ठीक किया जाए। इसके बाद अधिकारी दूसरे काम में लग जाते हैं और निर्माण एजेंसी अपनी मनमर्जी से काम करने लगती है।
इस बारे में दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा का कहना है कि यहां का दौरा कर स्थिति को ठीक करने के निर्देश देंगे।