दुर्ग के रायपुर नाका रेलवे अंडर ब्रिज बनकर तैयार, अब शुरू करने में देरी; डेढ़ लाख की आबादी पर असर; पार्षद ने खुद शुरू करने की दी चेतावनी…

दुर्ग के रायपुर नाका रेलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

अब इसके उद्घाटन को लेकर देरी की जा रही है, इससे लोगों में नाराजगी है, दुर्ग नगर निगम के वार्ड 21 के पार्षद अरुण सिंह ने कलेक्टर को पत्र लिखकर रायपुर नाका अंडर ब्रिज को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की है।

अरुण सिंह का कहना है कि यदि 15 सितंबर अंडर ब्रिज शुरू नहीं होता तो वो खुद बैरिकेड को हटाकर इसे शुरू करवा देंगे। फिर चाहे इसका उद्घाटन हुआ हो या न हुआ हो।

पार्षद ने कलेक्टर पुष्पेंद्र को दिए ज्ञापन में बताया कि रायपुर नाका रलवे अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य पूरा हुए 2 महीना बीत चुका है।

केवल रंग रोगन का कार्य रह गया है। इस कार्य को जानबूझकर धीरे-धीरे किया जा रहा है। यहां केवल दो लेबर को लगाकर धीरे-धीरे काम कराया जा राह है।

दो महीने पहले ही ठेकेदार व अधिकारियों ने कहा था कि इसे जल्द शुरू कर देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस ब्रिज के शुरू न होने से पटरी पार क्षेत्र में रहने वाले लोगों को आवागमन में काफी परेशानी होती है।

पार्षद ने ज्ञापन में लिखा है कि यदि रायपुर नाका अंडर ब्रिज को 15 सिंतबर तक शुरू नहीं किया जाता है तो आम लोग इसे स्वतः शुरू कर कर देंगे।

रायपुर नाका अंडरब्रिज अप्रैल 2020 में होना था तैयार
रायपुर नाका अंडर ब्रिज को ढाई साल पहले अप्रैल 2020 में बनकर तैयार हो जाना था। लेकिन 7.2 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस ब्रिज को समय पर नहीं बनाया गया।

मार्च 2019 मार्च में इसका निर्माण शुरू हुआ था। 43 मीटर लंबे और 6 मीटर चौड़े इस ब्रिज के बन जाने से पटरी इस पार से उस पार जाने वालों को काफी राहत मिलेगी।
धमधा नाका अंडर ब्रिज भी बना दो साल बाद
7.2 करोड़ की लागत का धमधा नाका अंडर ब्रिज का निर्माण मई 2019 में शुरू किया गया था। जून 2020 में यह बन जाना था। वर्तमान में 80 प्रतिशत ही काम पूरा हो पाया है।

नागपुर अप लाइन की रेल पटरी के पास से मिट्टी धसकने लगी, इस पर रेलवे ने काम बंद करवा दिया था। यहा ब्रिज 49 मीटर लंबा और 8 मीटर चौड़ा है।
दुर्ग जिले की डेढ़ लाख की आबादी परेशान
दुर्ग जिले की लगभग डेढ़ लाख से अधिक आबादी रायपुर नाका अंडर ब्रिज के बगल से बने सर्विस रोड से आना जाना करती है।

इसमें शासकीय व प्राइवेट कर्मचारी, सिकोलाबस्ती, श्यामा प्रसाद मुखर्जी नगर, जवाहर नगर, कैलाश नगर, सिंधिया नगर, आदित्य नगर, कादंबरी नगर, कातुलबोड़, साकेत कॉलोनी आदि के लोग शामिल हैं।

इसके अलावा इस अंडर ब्रिज के रास्ते से भिलाई के नेहरू नगर, कोहका, कुरुद, सुपेला, पावर हाउस व अन्य क्षेत्र के लोग भी दुर्ग शहर आना-जाना करते हैं। मगर ये लोग ब्रिज शुरू नहीं होने से परेशान हैं।

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