तमिलनाडु में डीएमके सरकार ने सोमवार को ‘स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एंड मॉडल स्कूल’ (Excellence and Model Schools Scheme) योजना की शुरुआत की।
ये दिल्ली के उन्नत बुनियादी ढांचे वाले स्कूलों पर आधारित है, इस योजना के तहत शुरुआती चरण में 26 उत्कृष्टता स्कूल और 15 मॉडल स्कूल शामिल किए गए हैं।
‘थगैसल पल्लीगल’ और ‘मथिरी पल्लीगल’- स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और मॉडल स्कूलों के आधिकारिक तमिल नाम हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने तमिलनाडु के अपने समकक्ष एम के स्टालिन (M K Stalin) की उपस्थिति में यहां योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्यों को दलगत राजनीति से परे अच्छी पहलों पर एक-दूसरे से सीखना चाहिए। आइए जानते हैं क्या है ये योजना और इससे कितनी छात्राओं को होगा फायदा…
क्या है योजना?
स्टालिन ने तमिल संत मुवलुर रामामिरथम अम्मायार की स्मृति में ‘पुथुमाई पेन’ (आधुनिक महिला) योजना की शुरुआत की।
इसके तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली और कक्षा 6 से 12 तक सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को 1,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने वित्तीय सहायता योजना शुरू करने के अवसर पर लाभार्थियों को बैंक डेबिट कार्ड वितरित किए। इस कार्यक्रम के माध्यम से, लगभग 6,00,000 छात्राओं को हर साल लाभ मिल सकता है।
वर्ष 2022-23 के बजट में, राज्य सरकार ने कहा था कि ‘मूवलुर रामामिरथम अम्मैयार मेमोरियल मैरिज असिस्टेंस स्कीम’ को ‘मूवलुर रामामिरथम अम्मैयार हायर एजुकेशन एश्योरेंस स्कीम’ के रूप में तब्दील किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा में सरकारी स्कूलों में छात्राओं का नामांकन अनुपात बहुत कम है जिसे देखते हुए इस योजना में बदलाव किया गया है।
इस योजना के तहत, सरकारी स्कूलों में कक्षा 6 से 12 तक पढ़ने वाली सभी छात्राओं को उनकी स्नातक डिग्री, डिप्लोमा और आईटीआई पाठ्यक्रमों के निर्बाध रूप से पूरा होने तक सीधे उनके बैंक खाते में प्रति माह 1,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा। छात्र अन्य छात्रवृत्तियों के अलावा इस सहायता के पात्र होंगे।
पहले चरण में 67000 कॉलेज शामिल
इस योजना के पहले चरण में लगभग 67000 कॉलेज के छात्र-छात्राएं हैं। स्टालिन ने कहा कि लोगों, क्षेत्रों और लिंग के सभी वर्गों तक शिक्षा की पहुंच द्रविड़ विचारधारा की आधारशिला है, जिसकी उत्पत्ति एक सदी पहले हुई थी।
सीएम ने कहा कि सरकार लाभार्थियों को 1,000 रुपये की सहायता “मुफ्त” या रियायत के रूप में प्रदान करने पर विचार नहीं करती है।
सरकार ने सहायता पहल को अपने कर्तव्य के रूप में देखा, सामाजिक न्याय का एक पहलू और द्रविड़ मॉडल डीएमके शासन का वह कर्तव्य है और यही योजना के पीछे का कारण है।
स्मार्ट क्लासरूम भी बनेंगे
इस स्कीम में उत्कृष्ट विद्यालयों और मॉडल स्कूलों के भी समान उद्देश्य हैं। स्कीम के तहत स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम जैसी विशेषताएं होंगी।
अगले 4 वर्षों के दौरान लगभग 150 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से प्रत्येक स्कूल में एक स्मार्ट क्लासरूम होगा।
पेरासीरियार अंबाझगनार स्कूल विकास योजना के तहत 7,500 करोड़ रुपये की लागत से स्कूल के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की तैयारी है।