अंतरराष्ट्रीय जासूसी की दुनिया में कुख्यात नाम बन चुकी अन्ना चैपमैन ने अपनी आत्मकथा ‘Bondi Anna: To Russia With Love’ में अपनी जासूसी यात्रा का चौंकाने वाला खुलासा किया है।
42 साल की अन्ना ने बताया कि कैसे उन्हें व्लादिमीर पुतिन के विदेशी खुफिया संगठन एसवीआर (एसवीआर) ने लंदन में रहते हुए भर्ती किया।
क्या थी अन्ना की जासूस बनने की कहानी
अन्ना को ब्रिटिश नागरिकता अपने पूर्व पति एलेक्स चैपमैन के जरिए मिली थी। पहले ही वह ब्रिटिश अभिजात्य वर्ग, रूसी कुलीनों और अमीर अरब शेखों के साथ गहरे नेटवर्क बना चुकी थीं।
उनकी इस खासियत ने मास्को के एक युवा जासूस, किरिल का ध्यान खींचा। किरिल ने अन्ना से एक एयरोफ्लोट की उड़ान के दौरान संपर्क किया और उनकी देशभक्ति को परखने की कोशिश की।
बाद में मास्को में अन्ना को एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण के लिए बुलाया गया, जहां उन्होंने एक प्रभावशाली व्यक्ति व्लादिमीर व्लादिमीरोविच से मुलाकात की।
इस व्यक्ति ने सीधे सवाल किया, “अन्ना, तुम्हें खुफिया कार्य के बारे में कितना पता है?” यही सवाल था जो उनकी जासूसी यात्रा की शुरुआत बन गया।
जासूसी के दौरान सेक्स और खूबसूरती का इस्तेमाल
अन्ना ने अपनी किताब में बताया कि कैसे उन्होंने अपनी सुंदरता और आत्मविश्वास का उपयोग करते हुए ताकतवर लोगों के बीच अपनी पहचान बनाई।
उनकी सुडौल काया, लाल बाल और हल्का मेकअप उनकी पहचान बन गए। वे जानती थीं कि उनका प्रभाव पुरुषों पर कैसा पड़ता है और उन्होंने इसे अपने लाभ के लिए कुशलता से इस्तेमाल किया।
उन्होंने लंदन में कई प्रभावशाली लोगों में से एक हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्य और एक ब्रिटिश उद्योगपति के साथ संबंध बनाए।
उनकी रणनीति में रोमांटिक मुलाकातें, यहां तक कि एक बार स्ट्रिप-पोकर गेम खेलकर हेज फंड की नौकरी हासिल करना भी शामिल था।
एफबीआई ने किया था गिरफ्तार
2010 में न्यूयॉर्क में एफबीआई ने अन्ना को रूसी जासूस के रूप में गिरफ्तार कर लिया। उन्हें ब्रिटिश नागरिकता से वंचित कर रूस निर्वासित कर दिया गया।
उनकी गिरफ्तारी के बाद उनका नाम हाई-प्रोफाइल कैदी आदान-प्रदान में शामिल हुआ, जिसमें रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल भी शामिल थे।
अन्ना चैपमैन की किताब से खुलासा हुआ कि कैसे उन्होंने अपने आकर्षण और आत्मविश्वास के सहारे जासूसी की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल किया।
हालांकि, उनकी जासूसी ने ब्रिटेन को कितना नुकसान पहुंचाया, इस पर वे चुप रहीं।