छत्तीसगढ़; धमतरी: गणेशोत्सव का यह महापर्व हमारी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक चेतना का परिचायक है – रंजना साहू। पंचमी पर विभिन्न गणेश पंडालों में आयोजित महाआरती एवं छप्पन भोग कार्यक्रम में शामिल हुईं विधायक…

सैयद जावेद हुसैन (सह संपादक- छत्तीसगढ़): धमतरी- हमारा देश पर्व-उत्सवों का देश है और गणेश चतुर्थी उन्हीं उत्सवों में से एक है। गणेशोत्सव को ग्यारह दिनों तक बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है, हिंदू धर्म में किसी भी नए काम को प्रारंभ करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है, माना जाता है कि भगवान गणेश की पूजा करने के बाद प्रारंभ होने वाला कार्य जरूर पूरा होता है, गणेश चतुर्थी का त्योहार महाराष्ट्र, गोवा, तेलंगाना, केरल और तमिलनाडु सहित पूरे भारत में काफी जोश के साथ मनाया जाता है। 

इसी कड़ी में धमतरी में भी विभिन्न स्थानों में पूरी साज सज्जा के साथ गणपति की स्थापना की जाती है और धूम धाम से गणेशोत्सव मनाया जाता है, नगर के आमापारा एवं स्वामी विवेकानंद कॉलोनी (विवेकानंद के राजा) में भगवान के छप्पन भोग एवं भव्य महाआरती में शामिल होने विधायक रंजना साहू पहुंची, जहाँ भगवान की पूजा अर्चना कर भोग लगाकर भगवान की भव्य आरती की गई।

इस दौरान विधायक ने कहा हमारे धर्म ग्रंथ वेद, पुराण, गीता, भागवत, रामायण में भगवान श्री गणेश की विशेष स्तुति, अराधना का उल्लेख मिलता है, गणेशोत्सव का पर्व मात्र एक उत्सव नही है, यह अपने अधिकारों, कर्तव्यों के प्रति सजग रहने का संदेश देता है।भगवान गणेश को इन सबका प्रतिनिधि देव माना जाता है। 

यह महापर्व हमारी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना का भी परिचायक है, जब ब्रिटिशकाल में गणेश स्थापना व विसर्जन की परंपरा पर रोक लगने लगी और यह क्रम कहीं मद्धम पड़ा तो कहीं बंद हो गया। लोकमान्य तिलक ने वर्ष 1893 में दशकों बाद पहली बार सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाया। गणेश स्थापना और विसर्जन के मध्य के ये ग्यारह दिन स्वतंत्रता सेनानियों के मिलन, चिंतन, बैठक स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु योजना गढ़ने व उन्हें क्रियान्वित करने के दिन बन गए। लोकमान्य तिलक व वीर सावरकर ने प्रथमपूज्य गणेश को राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बनाया। श्रीगणेश स्वाधीनता के देवता बने और देश आज़ादी की ओर अग्रसर हुआ। 

गणेश जी ज्ञान, सिद्धि बुद्धि और सौभाग्य के देवता हैं, हमारी धार्मिक परंपरा में प्रत्येक शुभ कार्य शुरू करने से पहले हम गणपति जी पूजा–अर्चना करते हैं, ताकि वह शुभ कार्य बिना किसी विघ्न–बाधा के संपन्न हो जाए, भगवान श्री गणेश मात्र विघ्न–बाधाओं को दूर नहीं करने वरन मानव जीवन से दुख पीड़ा से मुक्ति भी दिलाते हैं और जीवन में सुख–शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। हमारे देश में गणेश पूजा की एक अलग परंपरा रही है, जो सदियों से चली आ रही है और इसी का पालन करते हुए हमारे हिंदू धर्म के लोग गणेश चतुर्थी के दिन भगवान श्री गणेश की ससम्मान स्थापना करते हैं।और अगले ग्यारह दिनों तक बड़ी आस्था विश्वास के साथ इनकी पूजा–अर्चना करते हैं, हम सभी ऐसे उत्सवों में आगे भी बढ़ चढ़ कर हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे ले जाएं ऐसी कामना है।

उक्त अवसर पर जनपद सदस्य जागेश्वरी साहू, प्रकाश शर्मा, भाजयुमो प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जय हिंदूजा, दिलीप पटेल, कोमल सार्वा, देवेश अग्रवाल, सूरज शर्मा, बिट्टू छाबड़िया, चिंटू छाबड़िया, आदित्य पोपटानी, गुलाब नागवानी, आशीष रामानी, लक्की छाबड़िया सहित भारी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।

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