प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है।
इस साल 11 दिसंबर को गीता जयंती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
इस दिन व्रत रख उपासना करने से भगवान साधक की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं और जीवन के दुखों से छुटकारा मिलता है।
प्रत्येक माह में दो एकादशी पड़ती है। एक वर्ष में 24 एकादशी पड़ती है। अधिक मास पड़ने पर एकादशी की संख्या 26 हो जाती है।
सारी एकादशी महत्वपूर्ण है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का महत्व इसलिए अधिक है कि इसी दिन महाभारत के युद्ध में परिजनों पर हथियार न उठाने पर अर्जुन के परिजनों के प्रति मोह दूर कर कर्तव्य पथ पर लाने के लिए श्रीकृष्ण भगवान ने गीता का उपदेश दिया।
इस दिन कृष्ण भगवान की पूजा करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। गीता जयंती के दिन मोक्षदा एकादशी भी होती है।
गीता जयंती पूजा-विधि:
गीता जयंती के दिन सुबह उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें और भगवान सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें। इस अवसर पर श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करना फलदायी होता है। अक्षत और फूल से ग्रंथ की पूजा करें और पाठ का प्रारंभ करें।
साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करें। इस दिन लोगों को गीता ग्रंथ का दान करना चाहिए। इसके अलावा श्रद्धा अनुसार फल, मिठाई, धन, गर्म कपड़े का दान करना चाहिए। मान्यता है कि इस काम को करने से भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं।
गीता जयंती पर बन रहे हैं कई शुभ योग
इस वर्ष गीता जयंती व मोक्षदा एकादशी पर कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। 11 दिसंबर को रेवती नक्षत्र, वरियन योग, रवि योग बन रहा है।
इस शुभ योग में भगवान विष्णु की पूजा और गीता का पाठ करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से और व्रत रखने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रियंका प्रसाद (केवल व्हाट्सएप) 94064 20131