कश्मीर के संबंध में सोशल मीडिया में की गई विवादास्पद टिप्पणी के एक दिन बाद केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चे के विधायक के टी जलील ने शनिवार को कहा कि उनके बयान का गलत अर्थ निकाला गया।
अपना बयान वापस लेने से कुछ घंटे पहले जलील ने एक और पोस्ट साझा की जिसमें उन्होंने अपने बयान का अर्थ समझने में विफल रहे आलोचकों पर दोष मढ़ा।
वहीं, सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने पूर्व मंत्री के बयान से किनारा करते हुए कहा कि जलील के विचार निजी हैं तथा पार्टी का उससे कोई वास्ता नहीं है।
जलील ने सोशल मीडिया पर साझा की अपनी नई पोस्ट में कहा, ‘विधानसभा की कल्याण समिति के सदस्य के तौर पर कश्मीर की यात्रा के संबंध में मैंने जो लिखा था वह भ्रामक था।
मैं वह बयान वापस लेता हूं जिसका मेरे इरादे के विपरीत गलत अर्थ निकाला गया।
मेरा इरादा सामाजिक सौहार्द बरकरार रखने का था।’ जलील की टिप्पणी का कई लोगों ने, खासतौर पर भाजपा नेताओं ने विरोध किया था।
उन्होंने शुक्रवार की अपनी पोस्ट में जम्मू-कश्मीर का उल्लेख ‘भारत अधीन जम्मू-कश्मीर’ और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का उल्लेख ‘आजाद कश्मीर’ के तौर पर किया था।