केरल राज्य के नीलाम्बुर और त्रिशूर शहर को यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज में शामिल किया गया है।
यूनेस्को ग्लोबल नेटवर्क ऑफ लर्निंग सिटीज एक अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी है, जिसके तहत दूसरे शहरों को प्रेरणा देने और कैसे किसी शहर को बेहतर बनाने का तरीका बताया जाता है।
नीलाम्बुर केरल का एक प्रमुख ईको-पर्यटन स्थल है। अधिकांश आबादी कृषि और संबद्ध उद्योगों पर निर्भर करती है।
नीलाम्बुर एक विकासशील शहर है, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर का विकास, लैंगिक समानता और लोकतंत्र को बढ़ावा देना है।
नीलाम्बुर में महिलाओं को भी सभी क्षेत्रों में समान अवसर सुनिश्चित करके, और उत्पीड़न को कम करके एक महिला-अनुकूल शहर बनाने की कोशिश की जा रही है।
नीलाम्बुर सभी नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करता है और बिस्तर पर पड़े मरीजों के लिए घर-घर उपचार प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य स्वयंसेवकों की मदद लेता है।
साथ ही यहां छात्रों और युवा नागरिकों को प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण भी दी जाती है। वहीं कुछ पहाड़ी इलाकों को कनेक्टिविटी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
इसलिए इन आबादी तक पहुंचने के लिए टेलीमेडिसिन सुविधाएं लागू की जाएंगी। यह शहर धर्म, जाति और अर्थव्यवस्था के अलग-अलग समुदायों का मेल भी है। नीलाम्बुर शहर का एक अन्य लक्ष्य लोकल व्यापार, हैंडक्राफ्ट, कृषि और पर्यावरण पर्यटन को बढ़ावा देना है। वहीं प्री-प्राइमरी शिक्षा छह साल से कम उम्र के सभी बच्चों के लिए है।
वहीं केरल की सांस्कृतिक राजधानी त्रिशूर में कई अकादमिक और रिसर्च संस्थान मौजूद हैं। त्रिशूर शहर अपने आभूषण उद्योग, विशेष रूप से सोने के लिए प्रसिद्ध है।
त्रिशूर भारत में चार प्रमुख निजी क्षेत्र के बैंकों का मुख्यालय है। त्रिशूर में, एक स्थायी समिति वित्त, विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, कल्याण, सार्वजनिक कार्यों और शहरी प्लानिंग पर फैसला लेने के लिए जिम्मेदार है।
इस स्थायी समिति के समर्थन से, शहर सभी क्षेत्रीय और आर्थिक रणनीतियों को अपने मास्टर प्लान में सम्मिलित रखता है।
बता दें कि यूनेस्को के इस वैश्विक शहरों के समूह में बीजिंग, शंघाई, हैम्बर्ग, एथेंस, इंचियोन, ब्रिस्टल और डबलिन जैसे कुछ सबसे विकसित शहर भी शामिल हैं।