पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के अंदर पुराने और नए नेतृत्व के बीच बढ़ते टकराव के बीच पार्टी सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर स्पष्ट संकेत दिया है कि प्रशासनिक और संगठनात्मक मामलों में अंतिम निर्णय उन्हीं का होगा।
हाल के हफ्तों में राज्य में हुई घटनाओं ने ममता बनर्जी की इस स्थिति को और पुख्ता किया है। बुधवार को उन्होंने सीआईडी प्रमुख आर राजशेखरन को उनके पद से हटा दिया और उन्हें एडीजी (आईजीपी ट्रेनिंग) पद पर स्थानांतरित कर दिया।
यह फैसला उस घोषणा के कुछ दिनों बाद आया जब ममता ने कहा था कि सीआईडी का पूरी तरह से पुनर्गठन किया जाएगा।
21 नवंबर को वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में उन्होंने भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही थी चाहे उनकी राजनीतिक पहचान कुछ भी हो।
20 नवंबर को कोलकाता में टीएमसी पार्षद सुशांत घोष पर हुए हमले के बाद पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं (कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम और सांसद सौगत रॉय) ने पुलिस की आलोचना की।
टीएमसी के भरतपुर विधायक और पूर्व मंत्री हुमायूं कबीर ने सार्वजनिक रूप से कहा कि वह चाहते हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी को उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री बनाया जाए। इस बयान ने पार्टी के पुराने और नए गुट के बीच तनाव को और बढ़ा दिया।
सूत्रों के अनुसार, सीआईडी प्रमुख को हटाने से पहले ममता ने अपने करीबी सहयोगियों को संकेत दिया था कि वह कैबिनेट और बंगाल पुलिस में बदलाव कर सकती हैं।
25 नवंबर को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ममता ने कई वफादार नेताओं को कार्यकारी समिति में शामिल किया।
ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के संसदीय मामलों से संबंधित निर्णय वरिष्ठ नेताओं जैसे सुदीप बनर्जी, कल्याण बनर्जी और डेरेक ओ’ब्रायन द्वारा लिए जाएंगे।
अभिषेक बनर्जी का कद और विवाद
अभिषेक बनर्जी को एक अतिरिक्त भूमिका देकर उन्हें टीएमसी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया, लेकिन पार्टी के प्रशासनिक मामलों पर उनका प्रभाव सीमित किया गया।
इसके साथ ही पार्टी के भीतर अनुशासन को मजबूत करने के लिए तीन अनुशासन समितियों का गठन किया गया।
पार्टी के पुराने गुट ने अभिषेक की नेतृत्व शैली और संगठनात्मक बदलाव की सिफारिशों पर आपत्ति जताई थी। अभिषेक ने प्रदर्शन के आधार पर जिला अध्यक्षों को बदलने की वकालत की थी।
विपक्ष का तंज
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा, “टीएमसी में अभिषेक बनर्जी का प्रभाव बढ़ गया है। अब ममता बनर्जी उन्हें सीमित करने की कोशिश कर रही हैं।”
वहीं, कांग्रेस नेता सौम्या ऐच रॉय ने कहा, “दीदी और भतीजे के बीच का संघर्ष अब सार्वजनिक हो गया है। ममता अब अभिषेक को काबू में करने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन यह संभव नहीं है।”