ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए भारतीय सांसदों और नेताओं का प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों के दौरे पर है।
इसी तरह मनामा और बहरीन दौरे पर पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा।
आजाद बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में गए ऑल पार्टी डेलिगेशन का हिस्सा हैं।
गुलाम नबी आजाद ने कहा बताया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ था।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए आजाद ने कहा, ”हम प्रवासी भारतीयों से मिलकर खुश हैं, वे बड़ी संख्या में आए हैं। चाहे कोई भी सरकार हो, हमारे सभी प्रधानमंत्रियों ने हमेशा पाकिस्तान सहित हमारे पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध रखने की कोशिश की है।
उन्होंने हमेशा पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ बातचीत की, लेकिन ऐसी हर पहल के बाद, भारत को सीमा के दूसरी तरफ से आतंकवादी हमलों का सामना करना पड़ा।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ नहीं बल्कि पाकिस्तान और पीओजेके में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ था।
मैं अपने सशस्त्र बलों को बधाई देता हूं कि पाकिस्तान का कोई भी नागरिक नहीं मारा गया, क्योंकि केवल आतंकवादी मारे गए और आतंकवादियों के कुछ परिवार के सदस्य मारे गए।
लेकिन दुख की बात यह है कि पाकिस्तान ने हमारे सीमावर्ती क्षेत्रों में अंधाधुंध गोलीबारी की और उन्होंने जानबूझकर हमारे नागरिकों पर हमला किया।”
बैजयंत पांडा के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान, उन्होंने कहा, “मैं ग्रुप 1 का हिस्सा हूं…सबसे पहले हम बहरीन जाएंगे।
फिर हम कुवैत जाएंगे, फिर सऊदी अरब और आखिर में अल्जीरिया…पहलगाम की दर्दनाक घटना, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकी शिविर चला रहा है और उन्हें समर्थन दे रहा है। ये आतंकी भारत में आकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम देते हैं। हम इन चारों देशों से इन मुद्दों पर बात करेंगे।”
वहीं, बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व वाले ग्रुप 2 की सदस्य शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “पाकिस्तान अब पाकिस्तान नहीं रहा, बल्कि ‘आतंकिस्तान’ बन गया है।
हम आज यूरोपीय देशों में जा रहे हैं, जिन्होंने कई आतंकी हमलों का सामना किया है, और उन सभी हमलों की जड़ें पाकिस्तान में हैं, उन्हें जिहाद करने के लिए कहने से लेकर उन्हें प्रशिक्षण देने, हथियार देने और उनकी रक्षा करने तक।
हम पिछले तीन-चार दशकों से आतंकी हमलों से पीड़ित हैं, और हम उनका उचित जवाब भी दे रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर एक पूर्ण और अंतिम जवाब था कि अगर आप यहां आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देंगे, तो हम आपको नष्ट करने में सक्षम हैं।”