बदलापुर यौन हिंसा के आरोपी अक्षय शिंदे के शव को बवाल के बीच रविवार को दफना दिया गया।
सुरक्षा व्यवस्था के बीच शव को उल्हासनगर के शांतिनगर श्मशान स्थल पर लेकर पहुंची पुलिस को वहां पर मौजूद स्थानीय निवासियों और कुछ समूहों के विरोध का सामना करना पड़ा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि बदलापुर में स्थानीय लोग और मनसे ने आरोपी के शव को दफनाने का विरोध किया था, इसलिए उल्हासनगर कब्रिस्तान में दफनाया गया।
हाई कोर्ट ने प्रशासन को सोमवार तक दफनाने का आदेश दिया था। इसलिए शाम करीब छह बजे के करीब शव को दफनाया गया। यहां पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा इसका विरोध किया जा रहा था।
अक्षय के शिंदे के एनकाउंटर पर पुलिस ने बताया कि अक्षय शिंदे को उसकी पूर्व पत्नी द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस वाहन में नवी मुंबई की तलोजा जेल से बदलापुर ले जाया जा रहा था।
इस दौरान ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास उसने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली और गोली चला दी, जिसमें वह घायल हो गया। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
एनकाउंटर के बाद से उसका शव कलवा सरकारी अस्पताल के मुर्दाघर में रखा हुआ था। पुलिस और अक्षय शिंदे के परिजनों को स्थानीय लोगों और मनसे के विरोध के चलते शव को दफनाने के लिये जगह की तलाश करने में बाधा का सामना करना पड़ रहा था।
इसके चलते हाईकोर्ट ने पुलिस को सोमवार तक शव को दफनाने के लिए जगह ढूंढने के लिए कहा, जिसके बाद पुलिस ने उल्हासनगर के श्मशान घाट को चुना।
आखिर क्यों दफनाया गया अक्षय शिंदे का शव
पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अक्षय शिंदे के माता पिता की तरफ से बॉम्बे हाईकोर्ट में उसके शव को दफनाने की याचिका लगाई गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शव को दफनाने की अनुमति दे दी।
शुक्रवार को माननीय हाईकोर्ट ने कहा कि अक्षय शिंदे का अंतिम संस्कार करने के लिए जल्द ही एक एकांत स्थल की पहचान करेगी। बदलापुर में स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने अक्षय शिंदे के शव को उल्हास नगर में दफनाया।