प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार):
सितंबर माह के आखिरी दिनों में और अक्टूबर माह की शुरुआत में कई प्रमुख व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।
इस सप्ताह सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष का समापन होने जा रहा है। वहीं, इसी सप्ताह ही देवी भगवती की पूजा-आराधना के लिए शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी।
इस वीक सूर्य ग्रहण भी लगने जा रहा है। साथ ही सिंतबर माह के आखिरी दिनों में एकादशी व्रत और प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा।
शनि शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसका शुभ-अशुभ प्रभाव जनमानस पर भी होगा। आइए विस्तार से जानते हैं इस सप्ताह के व्रत-त्योहारों की लिस्ट और शुभ-अशुभ मुहूर्त…
शुभ मुहूर्त ( 27 सितंबर-3 अक्टूबर 2024 ):वैदिक ज्योतिष में मांगलिक कार्यों का आयोजन करते समय शुभ-अशुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इससे कार्यों के पॉजिटिव रिजल्ट मिलते हैं।
विवाह मुहूर्त :इस सप्ताह विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
गृह प्रवेश मुहूर्त :इस वीक गृह-प्रवेश का भी कोई शुभ मुहूर्त नहीं है।
प्रॉपर्टी खरीदने का मुहूर्त : इस सप्ताह 27 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 01:20 बजे से लेकर 28 सितंबर 2024 को सुबह 06:13 बजे तक प्रॉपर्टी खरीदने का शुभ मुहूर्त बन रहा है।
वाहन खरीदने का मुहूर्त : इस सप्ताह वाहन खरीदने के लिए भी उत्तम मुहूर्त नहीं है।
ग्रह गोचर : वैदिक ज्योतिष में ग्रहों के राशि और नक्षत्र परिवर्तन की घटना बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है। मान्यता है कि इसका जनमानस पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इस सप्ताह कई ग्रह नक्षत्र परिवर्तन करेंगे।
27 सितंबर 2024 दिन शुक्रवार को सुबह 1 बजकर 20 मिनट पर सूर्य हस्त नक्षत्र में प्रवेश कर चुके हैं।
28 सितंबर 2024 दिन शनिवार को रात 9 बजकर 13 मिनट पर बुध ग्रह हस्त नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
30 सितंबर 2024 दिन सोमवार को सुबह 12 बजकर 18 मिनट पर मंगल ग्रह पुनर्वसु नक्षत्र में गोचर करेंगे।
30 सितंबर 2024 दिन सोमवार को सुबह 9 बजकर 33 मिनट पर मंगल और शनि 120 डिग्री भी आकर मिलेंगे।
1 अक्टूबर 2024 दिन मंगलवार को सुबह 02 बजकर 36 मिनट पर सूर्य और बुध एक-दूसरे से 0 डिग्री पर आकर मिलेंगे।
3 अक्टूबर दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर शनिदेव शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे।
इस सप्ताह के व्रत-त्योहार :
एकादशी श्राद्ध(27 सितंबर 2024) :27 सितंबर 2024 को एकादशी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। घर के जिस मृत परिजन की मृत्यु किसी भी माह के एकादशी तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष की एकादशी तिथि में किया जाता है। इस दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्यों से पितरों के आत्मा को शांति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इंदिरा एकादशी(28 सितंबर 2024) : अश्विन माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल 28 सितंबर को इंदिरा एकादशी है। श्राद्ध पक्ष में आने वाली इस एकादशी व्रत का बड़ा महत्व है। यह व्रत विष्णुजी की पूजा-आराधना के साथ पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इंदिरा एकादशी व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
द्वादशी श्राद्ध(29 सितंबर 2024) :अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को द्वादशी श्राद्ध किया जाएगा। घर के जिस मृत परिजन की मृत्यु किसी भी माह के द्वादशी तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष की द्धादशी तिथि में किया जा सकता है। श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान के कार्यों से घर के पूर्वज प्रसन्न होते हैं और परिवार के सदस्यों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं।
मघा श्राद्ध (29 सितंबर 2024 ):29 सितंबर को मघा श्राद्ध भी किया जाएगा। पितृ पक्ष में जिस दिन मघा नक्षत्र होता है, उसे मघा श्राद्ध के नाम से जाना जाता है। मघा नक्षत्र के स्वामी पितृ माने जाते हैं। इस दिन पितरों के देव आर्यमा की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस श्राद्ध,तर्पण के कार्यों से पितर प्रसन्न होते हैं और सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
त्रयोदशी श्राद्ध(30 सितंबर 2024) : 30 सितंबर को त्रयोदशी श्राद्ध किया जाएगा। घर के जिस मृत परिजन की मृत्यु किसी भी माह के त्रयोदशी तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष की त्रयोदशी तिथि में किया जा सकता है। मान्यता है कि इशसे परिवारिक जीवन खुशहाल रहता है और पितरों के आशीर्वाद से घर में धन,सुख-समृद्धि का वास होता है।
प्रदोष व्रत (30 सितंबर 2024 ) :30 सितंबर को प्रदोष व्रत भी रखा जाएगा। यह दिन शिवजी की पूजा-आराधना के लिए समर्पित माना जाता है। सितंबर माह का दूसरा प्रदोष व्रत सोमवार को पड़ने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा।
चतुर्दशी श्राद्ध(1 अक्टूबर 2024) : हिंदू पंचांग के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 को अश्विन माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पड़ेगी। इस दिन चतुर्दशी श्राद्ध किया जा सकेगा। घर के जिस मृत परिजन की मृत्यु किसी भी माह के चतुर्दशी तिथि को हुई हो, उनका श्राद्ध पितृ पक्ष की चतुर्दशी तिथि में किया जाता है।
सर्व पितृ अमावस्या( 02 अक्टूबर 2024 ): 02 अक्टूबर को अश्विन माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सर्व पितृ अमावस्या मनाया जाएगा। इस दिन घर के सभी पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जा सकता है। यह श्राद्ध पक्ष का आखिरी दिन होता है।
सूर्य ग्रहण (02 अक्टूबर 2024):02 अक्टूबर को साल 2024 को दूसरा और आखिरी सूर्यग्रहण भी लगने जा रहा है।
शारदीय नवरात्रि आरंभ(03 अक्टूबर 2024 ): 03 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ भी हो जाएगा। 03 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि का व्रत रखा जाएगा। इस दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-आराधना करना बेहद शुभ फलदायी माना गया है।
इस सप्ताह का अशुभ मुहूर्त :वैदिक ज्योतिष में राहु काल में किसी भी मांगलिक कार्यों की शुरुआत करने के लिए उत्तम समय नहीं माना गया है।
27 सितंबर 2024 : 10:42 एएम से 12:12 पीएम तक
28 सितंबर 2024 : 09:12 एएम से 10:42 एएम तक
29 सितंबर 2024 : 04:40 पीएम से 06:09 पीएम तक
30 सितंबर 2024 : 07:43 एएम से 09:12 पीएम तक
01 अक्टूबर 2024: 03:09 पीएम से 04:38 पीएम तक
02 अक्टूबर 2024: 12:10 पीएम से 01:39 पीएम तक
03 अक्टूबर 2024: 01:38 पीएम से 03:07 पीएम तक