लेबनान में पहले पेजर और फिर वॉकी-टॉकी फट गए।
इन दोनों ही घटनाओं में मिलाकर 30 से ज्यादा मौतें दर्ज की गईं। वहीं, अब तक साफ नहीं हो सका है कि आखिर हिजबुल्ला को ऐसे पेजर कैसे मिले। व
हीं, हमले को लेकर इजरायल पर आरोप लगाए जा रहे हैं। खबरें हैं कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने शेल कंपनी की सहायता से हिजबुल्ला को छेड़छाड़ किए गए पेजर भेजे हैं।
बहरहाल, इजरायल ने फिर एक बार लेबनान में कई स्थानों पर हमला किया है। इधर, हिजबुल्ला ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही है।
पेजर धमाका आखिर कैसे हुआ
फिलहाल, धमाकों को लेक इजरायल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। मीडिया रिपोर्ट्स में न्यूयॉर्क टाइम्स के हवाले से बताया गया है कि तीन इजरायली खुफिया अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पेजर को बनाने वाले हंगरी की BAC कंसल्टिंग एक शेल कंपनी थी, जिसे मोसाद ने लेबनान भेजने से पहले डिवाइस में छेड़छाड़ के लिए तैयार किया था।
रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि BAC कंसल्टिंग ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो की तरफ से डिवाइस तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला था।
कहा जा रहा है कि पेजर बनाने वालों की असली पहचान को छिपाने के लिए कम से कम 2 अन्य शेल कंपनियां भी तैयार की गई थीं।