लेबनान में पेजरों और इलैक्ट्रोनिक उपकरणों में हुए विस्फोटों को लेकर अमेरिकी मीडिया ने दावा किया है कि यह काम खुफिया एजेंसी मोसाद की बनाई गई फर्जी कंपनियों का ही है।
हिज्बुल्लाह ने जिस ताइवानी कंपनी को पेजरों को बनाने का काम दिया उसने अपने लाइसेंस पर इस काम का कॉन्ट्रैक्ट इजरायल से संबंधित कंपनी को ही दे दिया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट में तीन खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि हंगरी की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग केएफटी ने ताइवानी कंपनी से यह कॉन्ट्रैक्ट लिया था। हंगरी की इस कंपनी के तार इजरायल से जुड़े हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, बीएसी कंसल्टिंग केएफटी के नाम पर पेजर बनाने वाले इन इजरायली खुफिया अधिकारियों की असली पहचान छिपाने के लिए पहले दो फर्जी कंपनियां बनाई गई, जिसके बाद इन्होंने केएफटी के लिए काम करना शुरू किया।
क्योंकि केएफटी के पास और भी सामान्य खरीददार थे, जिनके लिए वह बिना विस्फोटक के पेजर तैयार करता था, इसलिए सुरक्षा और खुफिया तंत्र का पूरा ख्याल रखा गया। इ
न विस्फोटक युक्त पेजरों को लेबनान भेजने की शुरुआत 2022 की गर्मियों में हुई। उस समय हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्ला के सुरक्षा कारणों से मोबाइल फोन के इस्तेमाल को कम करने के निर्देश के बाद पेजरों की खरीद के ऑर्डर आने पर ऐसे पेजरों का उत्पादन बढ़ा दिया गया।
विस्फोटों में हाथ होने से ताइवानी कंपनी का इंकार
जिन पेजरों में विस्फोट हुआ है वह ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो के ब्रांड के थे। अब क्योंकि घटना हुई है तो इससे ताइवान में भी खलबली का माहौल बना हुआ है।
ताइवान के रक्षामंत्री वेलिंगटन कू ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां गहराई से इस मामले की जांच कर रही है और इंटरनेशनल लेवल पर जो आरोप लगाए जा रहे हैं हम जल्द से जल्द उसकी जड़ तक पहुंच जाएंगे।
लेबनान में पेजर सप्लाई करने वाली कंपनी गोल्ड अपोलो भी इस घटना से बैकफुट पर है। उनकी तरफ से कहा गया कि जिन पेजरों में विस्फोट हुआ है,उनके निर्माण से ताइवानी कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है, बल्कि गोल्ड अपोलो के लाइसेंस के तहत हंगरी की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग केएफटी द्वारा पेजरों का निर्माण किया गया था।
लेकिन हंगरी की कंपनी बीएसी कंसल्टिंग केएफटी ने दावा किया है कि उसने इस काम के लिए केवल अपनी परामर्श सेवाएं प्रदान की थीं और पेजर के उत्पादन की किसी भी गतिविधि में वह शामिल नहीं थी।
लेबनान में संचार-उपकरणों में विस्फोटों से दहशत में लोग
मंगलवार को लेबनान में पेजरों के बड़े पैमाने पर विस्फोट के परिणामस्वरूप कम से कम 12 लोग मारे गए और 2,800 से अधिक घायल हो गए।
कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पेजर का उपयोग लेबनानी हिज़बुल्लाह आंदोलन के सदस्यों द्वारा एक सुरक्षित अभेद्य संचार प्रणाली के रूप में किया जाता है जो हैकिंग और वायरटैपिंग के लिए सबसे कम संवेदनशील है।
यह अभी भी अज्ञात है कि उपकरणों में एक साथ विस्फोट का कारण क्या था। हिजबुल्लाह और लेबनानी अधिकारियों ने इस घटना के लिए इजरायल को दोषी ठहराया।
बुधवार को हिज्बुल्लाह सदस्यों द्वारा उपयोग किये जाने वाले संचार उपकरणों के बड़े पैमाने पर विस्फोट की दूसरी लहर में कम से कम 20 लोग मारे गए और 450 से अधिक घायल हो गए।
लेबनान के संचार मंत्रालय ने कहा कि जिन आईसीओएम निर्मित आईसी-वी82 रेडियो में विस्फोट हुआ, वे बिना लाइसेंस के थे। इसके अलावा संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले दूसरे उपकरण जैसे की वॉकी-टॉकी में भी विस्फोट होने की खबरें सामने आई थीं।