बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन होते ही कट्टरपंथी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी अपने रंग दिखाने लगी है।
शेख हसीना की आवामी लीग की मुख्य विरोधी पार्टी बीएनपी ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है।
शेख हसीना को भारत में कुछ समय के लिए पनाह देने पर भी उसने आपत्ति जताई है। बीएनपी के सीनियर नेता गयेश्वर रॉय ने कहा कि वे भारत के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं जिससे परस्पर सहयोग बना रहे।
बीएनपी के सीनियर नेता और 1991 में बांग्लादेश सरकार में मंत्री रहे गयेश्वर राव ने यह भी कहा कि अगर भारत उनकी दुश्मन शेख हसीना का साथ देगा तो अच्छे संबंध मुश्किल हो जाएंगे।
रॉय ने कहा, भारत सरकार को बात समझनी होगी। अगर भारत हमारी दुश्मन का साथ देता है तो सहयोग का सम्मान मुश्किल हो जाएगा।
हमारे पूर्व विदेश मंत्री ने पिछले चुनाव में कहा था कि भारत शेख हसीना की सत्ता में वापसी के लिए सहयोग करेगा।
ऐसे में शेख हसीना की जिम्मेदारी भारत लेता था। भारत और बांग्लादेश के लोगों को एक दूसरे से समस्या नहीं है। लेकिन क्या पूरे देश को छोड़कर एक पार्टी का साथ देना चाहिए?
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को लेकर उन्होंने कहा, एक धारणा बना दी गई है कि बीएनपी हिंदू विरोधी है। बीएनपी बांग्लादेश के अलग-अलग समुदायों के लोगों से बनी है।
इसमें सभी धर्मों के लोग शामिल हैं। मैं खुद बीएनपी के सबसे बड़े निर्णय लेने वाली फोरम में हूं। बीएनपी एक राष्ट्रवादी पार्टी है। यह सभी समुदायों के निजी अधिकारों की वकालत करती है।
उन्होंने कहा, जब 1991 में मैं मंत्री था तब दुर्गा पूजा के लिए दान देने का सिस्टम शुरू किया था। इसके बाद कोई भी सरकार इसे रो नहीं पाई और आज भी यह सिस्टम चल रहा है।
हमारी पार्टी की ही सरकार ने ऐसा किया था। वहीं आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत के खिलाफ बांग्लादेश के इस्तेमाल को लेकर रॉय ने कहा कि यह भी एक अफवाह ही है।
सच नहीं है। भारत ने आजादी में हमारा सहयोग किया हम इसके खिलाफ नहीं हो सकते।