कार्यक्रम की शुरुआत प्रो कौशल्या शास्त्री ने प्रेमचंद जी का संक्षिप्त परिचय कर के किया।
तत्पश्चात उन्होंने हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कैलाश शर्मा को उनके उद्बोधन के लिया आमंत्रित किया। डॉ शर्मा ने बताया कि आम व्यक्ति को नायक के रूप में प्रस्तुत करते हुए प्रेमचंद जी ने अपनी कहानियों को जनमानस से जोड़ा।
इसके पश्चात प्रभारी प्राचार्य डॉ नमिता गुहा रॉय मैडम ने उद्बोधन दिया। अपने भाषण में उन्होंने प्रेमचंद जी की कुछ विशेष कहानियों जैसे बड़े घर की बेटी, बड़े भाई साहब, पंच परमेश्वर आदि कहानियों पर प्रकाश डालते हुए छात्र छात्राओं को उनकी कहानियां पढ़ने हेतु प्रेरित किया।
उन्होंने बताया कि इन कहानियों का मुख्य उद्देश्य समाज में फैले अंधविश्वास एवम कुरीतियों पर कुठाराघात करना रहा है।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्राध्यापकों ने उनकी कृतियों पर विचार विमर्श किया।
इस कार्यक्रम का संचालन प्रो कौशल्या शास्त्री ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ कैलाश शर्मा ने किया।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ किरण रामटेके, प्रो सुशीला शर्मा, डॉ दिनेश सोनी, प्रो महेश अलेंद्र, डॉ चांदनी मरकाम, प्रो अत्रिका कोमा, प्रो अमृतेष शुक्ला तथा बड़ी संख्या में नवप्रवेशित छात्र छात्राओं की उपस्थिति में कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।