पाकिस्तान में बड़े आतंकी हमले का साया है। मारे डर के शहबाज शरीफ सरकार ने देशभर में मुहर्रम पर सेना की तैनाती के निर्देश दिए हैं।
सरकार को खुफिया इनपुट मिला है कि शिया रैलियों पर आतंकवादी समूहों द्वारा हमला किया जा सकता है। इसलिए देश में मुहर्रम के दौरान कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना तैनात करने का फैसला लिया गया है।
इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम सोमवार से शुरू हो गया। शिया मुसलमान इस्लाम के पैगंबर के नाती हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में महीने के पहले दस दिनों के दौरान जुलूस निकालते हैं।
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय ने प्रांतों के अनुरोध के बाद नियमित सेना की टुकड़ियों को तैनात करने का फैसला किया।
मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, सेना की तैनाती अनिश्चितकाल तक लागू रहेगी और इसका विवरण गिलगित बाल्टिस्तान, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और इस्लामाबाद सहित संबंधित प्रांतों के अधिकारियों के साथ अंतिम रूप दिया जाएगा।
अधिसूचना में कहा गया है, “तैनाती वापस लेने की तिथि सभी हितधारकों के बीच आपसी परामर्श के बाद तय की जाएगी।”
इससे पहले, पंजाब समेत प्रांतीय सरकारों ने अनुरोध किया था कि संघीय सरकार इंटरनेट पर नफरत फैलाने पर लगाम लगाने के लिए एक सप्ताह के लिए सोशल मीडिया मंचों पर रोक लगा दे।
हालांकि, आंतरिक मंत्रालय ने इस मामले को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के पास भेज दिया है, जो अनुरोध पर फैसला लेंगे।