कर्क, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन वाले शनिवार को करें ये खास उपाय, शनि देंगे शुभ फल…

प्रियंका प्रसाद (ज्योतिष सलाहकार) : 

शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित होता है।

इस दिन विधि- विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना की जाती है। इस समय मकर, कुंभ, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती और कर्क, वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।

शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या लगने पर व्यक्ति का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है। शनिदेव के अशुभ प्रभावों से हर कोई भयभीत रहता है। 

शनि के अशुभ होने पर व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

शनि के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए हर शनिवार को दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति के लिए शनिवार को दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।

दशरथ कृत शनि स्तोत्र की रचना भगवान श्री राम के पिताजी राजा दशरथ ने की थी। दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है। 

आगे पढ़ें दशरथ कृत शनि स्तोत्र….

राजा दशरथ कृत शनि स्तोत्र

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठनिभाय च।

नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम: ।।

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।

नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।

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नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ  वै नम:।

नमो दीर्घायशुष्काय कालदष्ट्र नमोऽस्तुते।।

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निरीक्ष्याय वै नम:।

नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।

नमस्ते सर्वभक्षाय वलीमुखायनमोऽस्तुते।

सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करे भयदाय च।।

अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तुते।

नमो मन्दगते तुभ्यं निरिस्त्रणाय नमोऽस्तुते।।

तपसा दग्धदेहाय नित्यं  योगरताय च।

नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज सूनवे।

तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।

देवासुरमनुष्याश्च  सिद्घविद्याधरोरगा:।

त्वया विलोकिता: सर्वे नाशंयान्ति समूलत:।।

प्रसाद कुरु  मे  देव  वाराहोऽहमुपागत।

एवं स्तुतस्तद  सौरिग्र्रहराजो महाबल:।।

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