रियासी में रविवार को श्रद्धालुओं की बस पर हुए आतंकवादी हमले और हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी।
अब इस दुखद घटना में बचे लोगों ने आंखों देखी बताई है। उनका कहना है कि अगर बस खाई में नहीं गिरी होती, तो हमलावर सभी को मार देते।
फिलहाल, इस हमले को लेकर सुरक्षा तंत्र अलर्ट मोड पर है। आतंकवादियों की तलाश की जा रही है। साथ ही दिल्ली और मुंबई में भी पुलिस चौकस है।
उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले 38 साल के प्रदीप कुमार भी बस में यात्रा कर रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘भगवान का शुक्र है कि बस खाई में गिर गई, नहीं तो हमलावर सभी को मार देते।’
उन्होंने बताया कि हमला करने वाले सेना की वर्दी पहनकर आए थे। उन्होंने कहा, ‘घटना के बीच ड्राइवर ने बस पर नियंत्रण खो दिया और हम खाई में गिर गए।’
कुमार ने आगे बताया, ‘उस दौरान कुछ और हमलावर उनके साथ शामिल हो गए और गोलियां चलाने लगे। हमलावरों ने गोलीबारी तब ही बंद की, जब देखा कि यात्रियों ने चीखना बंद कर दिया है और सभी मर गए हैं।’
अखबार से बातचीत में उन्होंने बताया कि हमला शिवखोरी मंदिर से निकलने के बाद शाम करीब 6 बजे हुआ था और अधिकांश यात्री वैष्णो देवी की चढ़ाई के बाद थके हुए थे और कई लोग सो रहे थे।
कुमार बताते हैं, ‘आगे बैठे हुए कुछ तीर्थयात्री जाग रहे थे और उन्होंने हमलावरों को बस की तरफ आते हुए देखा। जैसे ही बस गड्ढे में गई, तो मैं जागा और पाया कि सभी चिल्ला रहे हैं।
कोई भी गोली मुझे लग सकती थी। मैं अपने परिवार के बारे में सोच रहा था। मेरे 7, 9 और 10 साल के तीन बेटे हैं।’ इस यात्रा में उनके साथ 28 वर्षीय भाई पवन कुमार और 24 साल के भतीजे तरुण कुमार थे। इस हमले में पवन को पैर में गंभीर चोट लगी है। जबकि, प्रदीप और तरुण को मामूली चोटें आईं हैं।
आतंकवादियों की खोजबीन के लिए अभियान जारी
पीटीआई भाषा के अनुसार, जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में एक बस पर हुए हमले के लिए जिम्मेदार तीन विदेशी आतंकवादियों को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान जारी है। घटना की जांच में शामिल अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
रविवार को हुए इस हमले में दो वर्षीय एक बच्चे सहित नौ लोगों की मौत हो गई और 41 अन्य घायल हैं। हमले में घायल लोगों के बयानों के आधार पर अधिकारियों ने इस संभावना से इनकार नहीं किया है कि मौके पर एक चौथा व्यक्ति भी मौजूद था जिसने तीनों आतंकवादियों की मदद की।