पीएम नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार देश की बागडोर संभाली। र
विवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने वाली मंत्रिपरिषद में 33 नये चेहरे शामिल हुए। इनमें से कम से कम छह मंत्री मशहूर राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी निवर्तमान मंत्रिपरिषद के 19 कैबिनेट मंत्रियों समेत 34 मंत्रियों को बरकरार रखा।
पीएम मोदी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सात पड़ोसी देशों के प्रमुखों ने भी भाग लिया। विपक्ष की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इकलौते थे, जो शपथ ग्रहण में आए।
इंडिया गठबंधन के अन्य दलों में से किसी को भी निमंत्रण नहीं मिला था। कार्यक्रम में उन्होंने पहुंचने के पीछे की वजह संवैधानिक कर्तव्य बताया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भारतीय ब्लॉक से एकमात्र विपक्षी नेता थे, जो रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नए मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।
खरगे ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ”मैं इस कार्यक्रम में अपने संवैधानिक कर्तव्य के कारण शामिल हो रहा हूं… राज्यसभा में विपक्ष का नेता होने के नाते यह मेरा कर्तव्य है।” यह पूछे जाने पर कि क्या वह मोदी को बधाई देंगे, कहा, ”अगर मैं उनसे मिलूंगा तो देखूंगा।”
टीएमसी का समारोह से किनारा
इससे पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने घोषणा की थी कि वह इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगी। नवनिर्वाचित सांसदों से मिलने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी रविवार को पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “हमें अभी तक निमंत्रण नहीं मिला है। अगर हमें निमंत्रण मिलता भी है, तो हम समारोह में शामिल नहीं होंगे।” बनर्जी ने कहा, “यह सरकार अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक तरीके से बन रही है। हम इस सरकार को अपनी शुभकामनाएं नहीं दे सकते। हम देश और देश के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देते हैं।”
इंडिया ब्लॉक के अन्य सदस्यों समाजवादी पार्टी , आरजेडी, सीपीआई (एमएल), सीपीआई, सीपीएम, आप, जेएमएम, डीएमके, एनसीपी (एसपी) और शिवसेना (यूबीटी) ने रविवार को शपथ ग्रहण समारोह में भाग नहीं लिया।