पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव जीत चुका खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह क्या शपथ ग्रहण के लिए जेल से बाहर आएगा? यह बड़ा सवाल है।
मां-पिता ने बेटे को जेल से बाहर निकालने के लिए पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है। ऐसी जानकारी है कि अमृतपाल की रिहाई या पेरोल के लिए एक आवेदन भी दायर किया है।
इससे पहले उसके माता-पिता जेल पहुंचे और सांसद बेटे के लिए मिठाई भी बांटी। अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर 5 जून से यहीं है।
परिवारवालों का कहना है कि वे अमृतपाल की रिहाई की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
अमृतपाल सिंह मार्च 2023 से एनएसए के तहत असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 में अस्तित्व में आया था।
यह केंद्र और राज्य सरकारों का अधिकार है, जिसमें बिना किसी पूर्व सूचना के गिरफ्तारी की जा सकती है। इन कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को 12 महीने तक हिरासत में रखने की अनुमति है।
जेल से बाहर आएगा अमृतपाल?
सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल सिंह की रिहाई के लिए उसके परिवार ने पूरी तैयारी कर ली है। शपथ ग्रहण से पहले अमृतपाल जेल से बाहर निकले, उसके परिवारवाले जल्द ही पेरोल के लिए डीएम के समक्ष याचिका दायर करेंगे।
इससे पहले सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के लिए वे असम के डिब्रूगढ़ पहुंच गए हैं। जिला मजिस्ट्रेट की सिफारिश के बाद अब उनकी याचिका को जेल अधिकारियों की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
उधर, अमृतपाल सिंह से जेल में मिलने के बाद उसके पिता ने कहा, ”हम बहुत खुश हैं कि हमारा बेटा चुनाव जीता है। हम उससे मिलने आए ताकि उसे भी खुशी होगी कि लोग उससे कितना प्यार करते हैं। “
अमृतपाल ने खडूर साहिब लोकसभा सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में 1,97,120 वोटों के अंतर से कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराकर जीत हासिल की थी।
खडूर साहिब सीट पर आम आदमी पार्टी के लालजीत सिंह भुल्लर तीसरे स्थान पर रहे। अमृतपाल को 4,04,430 वोट मिले, जबकि जीरा को 2,07,310 और भुल्लर को 1,94,836 वोट मिले।
बता दें कि अमृतपाल और उसके एक चाचा सहित कई खालिस्तानी समर्थक पिछले साल 19 मार्च से डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं।