भक्तजनों की दूर हो गई टेंशन, चारधाम के लिए 5 दिन बाद खुला ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन…

चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर भक्तजनों की टेंशन आखिरकार दूर हो गई है।

पांच दिन बाद रजिस्ट्रेशन स्लॉट खुलने से तीर्थ यात्रियों ने राहत की सांस ली है। ऐसे में एमपी, गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र आदि राज्यों से आए तीर्थ यात्री अब ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर चारधाम दर्शन को जा सकते हैं।

आपको बता दें कि यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ समेत चारों धामों के दर्शन करने से पहले ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।

विदित हो कि 10 मई से शुरू चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

चारमधाम रजिस्ट्रेशन करवाने को लेकर सुबह से ही तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। हरिद्वार के ऋषिकुल मैदान में लोगों की भारी भीड़ देखी जा सकती है।

ऑफलाइन रजिसट्रेशन को लेकर पुलिस-प्रशासन की ओर से कई काउंटर खोले गए हैं। 

बिना पंजीकरण पहुंचे 150 वाहन लौटाए
हरिद्वार में  बिना पंजीकरण के चारधाम यात्रा के लिए पहुंचे यात्री वाहन रविवार को भी वापस लौटाए गए। जिले में यूपी से लगे गुरुकुल नारसन बॉर्डर में यात्री वाहन की जांच की गई।

करीब 150 यात्री वाहन वापस भेजे गए। वहीं, चेकिंग के दूसरे प्वाइंट पंतदीप पार्किंग में यातायात का दबाव अधिक होने के चलते वाहनों की जांच नहीं हो पाई।

चारधाम यात्रा को लेकर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे धामों में भीड़ अधिक होने से व्यवस्था बनाने में दिक्कत हो रही है। चारधाम यात्रा में बिना पंजीकरण आ रहे यात्री वाहन को लौटाने के आदेश दिए गए थे।

देहरादून जिले के नेपाली फार्म, हरिद्वार के सीमावर्ती क्षेत्र गुरुकुल नारसन और पंतद्वीप पार्किंग पर चेकिंग प्वाइंट बनाए गए है।

जगह-जगह हो रही पुलिस चेकिंग
चारधाम यात्रा रूट पर पुलिस-प्रशासन की ओर से कई जगह चेकिंग की जा रही है।

हरिद्वार, ऋषिकेश, नेपाल फार्म आदि जगहों पर बैरीकेडिंग लगाकर पुलिस तीर्थ यात्रियों का रजिस्ट्रेशन चेक कर रही है। रजिस्ट्रेशन के बिना चारधाम पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को वापिस लौटाया जा रहा है। 

चारधाम रजिस्ट्रेशन को लेकर ठगी 
चारधाम रजिस्ट्रेशन को लेकर ठगी भी सामने आ रही है। ठग चारधाम रजिस्ट्रेशन की तारीख बदलकर तीर्थ यात्रियों को चारधाम  यात्रा पर भेज रहे हैं।

चिंता की बात है कि चेकिंग के दौरान फर्जीवाड़ा पकड़ में आ रहा है। ऐसे में भक्तजनों को समय के साथ ही पैसों का भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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