इस सप्ताह की शुरुआत में रूस की राजधानी मॉस्को में स्थित राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ में मंगलवार को आयोजित एक भव्य समारोह में व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति के रूप में अपना पांचवां कार्यकाल शुरू किया।
पुतिन ने अपने राजनीतिक विरोधियों को परास्त करने के अलावा यूक्रेन में विनाशकारी युद्ध की शुरुआत के साथ ही खुद को और अधिक शक्तिशाली साबित किया है।
पुतिन अब अगले छह वर्षों तक देश के राष्ट्रपति पद पर रहेंगे। अपने शपथ ग्रहण समारोह के बाद, पुतिन ने शुक्रवार (10 मई) को अपने पूर्व प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन को इस पद पर फिर से नियुक्त किया है।
रूसी कानून के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति ने पीएम उम्मीदवार के लिए स्टेट ड्यूमा (रूसी संसद के एक सदन) को प्रस्ताव भेजा है। पुतिन ने मिखाइल मिशुस्तिन को पुन: देश का प्रधानमंत्री नियुक्त करने के वास्ते उनके नाम को मंजूरी के लिए संसद के निचले सदन के पास भेजा है।
रूसी कानून के अनुरूप 58 वर्षीय मिशुस्तिन ने मंगलवार को उस वक्त अपने मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंपा जब पुतिन ने राष्ट्रपति के तौर पर अपना पांचवां कार्यकाल शुरू किया था। मिशुस्तिन पिछले चार वर्ष से प्रधानमंत्री पद पर थे।
हालांकि राजनीतिक जानकारों को मिशुस्तिन के पुन: नियुक्त किए जाने की उम्मीद थी। उनका मानना है कि पुतिन को उनका कौशल और सुर्खियों से दूरी पसंद है।
रूस की कर सेवा के पूर्व प्रमुख मिशुस्तिन अपने पिछले कार्यकाल के दौरान राजनीतिक बयानबाजियों से दूर थे और मीडिया में इंटरव्यू भी नहीं देते थे।
संसद के निचले सदन के अध्यक्ष वी वोलोदिन ने घोषणा की कि पुतिन ने ‘स्टेट ड्यूमा’ में मिशुस्तिन की उम्मीदवारी पेश की है।
शुक्रवार देर शाम सत्र आयोजित किया जाएगा और उस पर विचार होगा। देश में 2020 में स्वीकृत संवैधानिक परिवर्तनों के तहत निचला सदन प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी को मंजूरी देता है।
बीते करीब 25 वर्षों से देश की सत्ता पर काबिज पुतिन, जोसेफ स्टालिन के बाद राष्ट्रपति के पद पर सबसे लंबे समय तक रहने वाले रूस के पहले नेता बन गए हैं।
पुतिन का नया कार्यकाल 2030 तक जारी रहेगा और इसके बाद वह राष्ट्रपति के अगले कार्यकाल की दावेदारी के लिए संवैधानिक रूप से एक बार फिर से पात्र बन जाएंगे।
ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस के अंदर आयोजित समारोह में पुतिन ने रूसी संविधान पर अपना हाथ रखा और इसकी रक्षा करने की कसम खाई।
इस दौरान चुनिंदा गणमान्य हस्तियां वहां मौजूद थीं। 1999 में राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन का उत्तराधिकारी बनने के बाद से पुतिन ने रूस को आर्थिक पतन से उबारते हुए एक ऐसे देश के रूप में तब्दील कर दिया है, जिसे पश्चिम देश वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा मानते हैं।
अब देखना यह है कि 71 वर्षीय पुतिन अगले छह वर्षों के दौरान देश और विदेश दोनों मोर्चों पर रूस को कहां लेकर जाएंगे।