भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने ऑनलाइन पेमेंट फर्मों से कहा कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर व्यापारियों की लेनदेन संबंधी गतिविधियों की निगरानी करें।
साथ ही केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि फर्म यह सुनिश्चित करें कि वे सेक्टर की जांच को कड़ा करने के उद्देश्य से इसके नए दिशा-निर्देशों को पूरा करें।
ऑन लाइन पेमेंट्स इंडस्ट्रीज आरबीआई के निशाने पर है। इसकी वजह डेली अरबों रुपये का ट्रांजैक्शन संभालने वाले कुछ प्लेटफार्मों की ढीली निगरानी है।
आरबीआई ने अपने नए दिशानिर्देशों में मर्चेंट के साइज के आधार पर उचित परिश्रम के विभिन्न स्तर निर्धारित किए हैं। साथ ही पेमेंट एग्रीगेटर्स को इस प्रक्रिया में सहायता करने वाले मर्चेंट-इंप्लॉयड एजेंटों का विवरण बनाए रखने के लिए भी कहा है।
नए मानदंड तीन महीने में लागू होंगे।
इसमें यह भी कहा गया है कि कार्ड के जरिए किए गए ट्रांजैक्शन चेन में कोई भी इकाई, उनके जारीकर्ताओं और नेटवर्क को छोड़कर, 1 अगस्त, 2025 से डेटा कलेक्ट नहीं कर सकती है।