ईरान ने शनिवार शाम को आत्मघाती ड्रोन और मिसाइलों का उपयोग करके इजरायल पर हमला कर दिया। इस हमले के बाद अमेरिका भी हरकत में आ गया है।
अमेरिकी प्रशासन को इस बात का अनुमान है कि ईरान घरों या धार्मिक स्थलों के बजाय इजरायल के सरकारी स्थानों पर 100 से अधिक ड्रोन, कई क्रूज मिसाइलें और कई बैलिस्टिक मिसाइलें लॉन्च करेगा।
हमले से खुद को बचाने के लिए इजरायल अमेरिका के साथ मिलकर काम कर रहा है। एक वायरल हो रहे वीडियो में बड़ी संख्या में ईरानी ड्रोन दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) के डैनियल हगारी ने घोषणा की है कि इजरायल ड्रोनों की निगरानी कर रहा है।
उन्होंने इजरायलियों को सतर्कता बरतने की सलाह देते हुए कहा कि कुछ स्थानों पर जीपीएस उपलब्ध नहीं होगा।
इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक बयान में कहा, “दमिश्क में ईरानी दूतावास के कांसुलर पर हमला करने के जायोनी शासन के अपराध के जवाब में आईआरजीसी की वायु सेना ने दर्जनों ड्रोन और मिसाइलों के साथ जायोनी शासन के क्षेत्रों में कुछ ठिकानों को निशाना बनाया है।”
ईरान के द्वारा ड्रोन और मिसाइल लॉन्च करने से कुछ घंटे पहले व्हाइट हाउस ने दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा टीम के साथ बैठक करने के लिए डेलावेयर से वाशिंगटन डीसी वापस चले गए।
वहीं, इजरायली राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र को संबोधित किया। द टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, सरकार ने एक हजार से अधिक लोगों की सभा करने पर रोक लगा दी है।
वहीं, गाजा की सीमा से लगे क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। नेतन्याहू ने घोषणा की है कि इजरायल पहले से ही सीधे हमले की तैयारी कर रहा है और ईरान के हमले का उचित जवाब देगा।
इजरायल के साथ खड़ा है अमेरिका
व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने सीएनएन और एक्सियोस से पुष्टि की कि ईरान ने इजरायल पर हवाई हमला करना शुरू कर दिया है।
उन्होंने बताया कि बाइडेन आज दोपहर व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ बैठक करेंगे और उन्हें स्थिति की जानकारी दी जाएगी। बयान के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायली अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए हुए है।