प्राइवेट सेक्टर के एक बैंक के शेयर रखने वाले निवेशकों के लिए बुरी खबर है।
बंधन बैंक के संस्थापक और सीईओ चंद्र शेखर घोष के इस्तीफे के बाद से उसके शेयर 40 पर्सेंट तक गिर सकते हैं। उन्होंने इस साल 9 जुलाई को इस्तीफा दिया था।
ब्रोकरेज फर्म जेफरीज ने बंधन बैंक की रेटिंग “Buy” से डाउनग्रेड करके “अंडरपरफॉर्म” कर दिया गया है।
ब्रोकरेज ने बंधन बैंक का टार्गेट प्राइस 40% घटाकर ₹290 से घटाकर ₹170 कर दिया है। इस संशोधित टार्गेट प्राइस मौजूदा स्तरों से 14% की संभावित गिरावट का संकेत देता है।
2024 में अब तक बंधन बैंक के शेयरों का निफ्टी बैंक इंडेक्स पर सबसे खराब प्रदर्शन रहा है, जिसमें लगभग 20% की गिरावट आई है।
शेयरों का हालिया प्रदर्शन: अगर बंधन बैंक के शेयरों का हालिया प्रदर्शन देखें तो पिछले पांच कारोबारी सेशन में 7 फीसद से अधिक की बढ़त दर्ज की है।
शुक्रवार को शेयर 197.40 रुपये पर बंद हुआ था। पिछले एक महीने में स्टॉक ने करीब 3 फीसद का रिटर्न दिया है, लेकिन पिछले छह महीने में करीब 20 फीसद टूटा है। इसका 52 हफ्ते का हाई 272 रुपये और लो 153.15 रुपये है।
जेफरीज ने अपने नोट में लिखा है कि संस्थापक का इस्तीफा एक नकारात्मक आश्चर्य है, भले ही बोर्ड ने इनकी तीन साल की पुनर्नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी, जिसका अभी भारतीय रिजर्व बैंक से अनुमोदन नहीं मिला है।
ग्रोथ आउटलुक भी किया कम: ब्रोकरेज के अनुसार बैंक में अधिकांश वरिष्ठ कर्मचारी नए हैं। किसी भी संभावित अनिश्चितता से बैंक के लिए धीमी ग्रोथ और उच्च ऋण लागत हो सकती है।
इन अनिश्चितताओं के परिणामस्वरूप, जेफरीज ने वित्तीय वर्ष 2025 – 2026 के लिए अपने क्रेडिट लागत अनुमानों के साथ-साथ बंधन बैंक के लिए अपने ग्रोथ आउटलुक को कम कर दिया है। उसे यह भी उम्मीद है कि ऐसी अनिश्चितताओं के कारण बंधन बैंक का मूल्यांकन खतरे में रहेगा।
आरबीएल बैंक का दिया उदाहरण: जेफरीज ने आरबीएल बैंक में इसी तरह की एक घटना का उल्लेख किया, जिसमें एमडी और सीईओ विश्ववीर आहूजा ने अचानक पद छोड़ दिया था। इसके बाद एक अंतरिम सीईओ की नियुक्ति हुई और अंत में एक बाहरी सीईओ की नियुक्ति हुई।
सोमवार यानी आज के कारोबारी सत्र के लिए स्टॉक एफ एंड ओ बैन है। यानी स्टॉक में कोई नई पोजीशन नहीं बनाई जा सकती है।
बंधन बैंक की वित्तीय सेहत: मार्च तिमाही के लिए बंधन बैंक ने पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में लोन और एडवांस में 17.8% की ग्रोथ दर्ज की, जबकि कुल जमा में साल-दर-साल 25.1% की वृद्धि हुई।
लोन ग्रोथ की गणना एक एसेट रिकांस्ट्रक्शन कंपनी (एआरसी) को ₹720 करोड़ के एनपीए पोर्टफोलियो की बिक्री को कम करने के बाद की जाती है। इस आंकड़े में फिक्स्ड डिपॉजिट पर ₹2,151 करोड़ का शॉर्ट टर्म का कर्ज भी शामिल है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की राय: बैंक के एमडी और सीईओ के इस्तीफे के बाद एक अन्य ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की बंधन बैंक पर “Add” सिफारिश की समीक्षा की जा रही है।
ब्रोकरेज ने कहा कि इस्तीफा एक नकारात्मक आश्चर्य के रूप में आया है और घोष ने बैंक के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसलिए, उनके इस्तीफे से बैंक के बिजनेस ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में काफी बदलाव आ सकता है।
(डिस्क्लेमर: स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें। यहां पर दिए गए विचार विश्लेष्कों व्यक्तिगत हैं। )