कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने करोड़ों सदस्यों के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
इसके तहत अब अगर कोई ईपीएफओ सदस्य नौकरी बदलता है तो उसकी पीएफ की राशि नई कंपनी या नियोक्ता के पास ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाएगी।
सदस्य को इसके लिए आवेदन करने की आवश्यकता नहीं रहेगी। नए नियम को लागू कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि नई सुविधा शुरू होने के बाद कर्मचारियों को पुरानी से नई कंपनी में पीएफ राशि ट्रांसफर कराने के लिए फॉर्म-31 नहीं भरना होगा।
पहले नौकरी बदलते समय पीएफ खाताधारकों को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) होने के बावजूद इसके लिए आवेदन संबंधी औपचारिकताएं करनी पड़ती थी।
इसके तहत विशेष तरह का फॉर्म-31 भरकर जमा कराना होता था। इसके बाद राशि कुछ दिनों में नई कंपनी में ट्रांसफर कर दी जाती थी। नई व्यवस्था में कई औपचारिकताएं पूरी करने से मुक्ति मिल जाएगी।
गड़बड़ी की आशंका खत्म होगी
गौरतलब है कि जब कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो उसके यूएएन (पीएफ खाते) में नई कंपनी या नियोक्ता जुड़ जाता है। उसे ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पुराने पीएफ खाते को नए खाते से जोड़ना होता था।
इस प्रक्रिया में ईपीएफओ सदस्यों को कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। गड़बड़ी होने की आशंका बनी रहती थी। इसके अलावा पुराने और नए नियोक्ता को भी इसकी औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थी।
अब सदस्य की कोई भूमिका इस प्रक्रिया में नहीं होगी।
यूएएन इसलिए है जरूरी
यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) पीएफ खाताधारक के लिए केंद्रीयकृत मंच के तौर पर काम करता है। यह एक सदस्य को कई पीएफ खातों को एक साथ जोड़ने की सुविधा देता है।
इसके अलावा यूएएन अन्य सेवाएं भी प्रदान करता है। इसके तहत ईपीएफओ सदस्य इसकी मदद से अपना यूएएन कार्ड और पीएफ की पासबुक डाउनलोड कर सकता है। एसएमएस के जरिए कुल शेष राशि की जानकारी हासिल की जा सकता है।
वेतन का 12 फीसद योगदान
ईपीएफओ के नियम के अनुसार, कर्मचारियों को पीएफ के लिए अपने मूल वेतन का 12 फीसद योगदान देना होता है। नियोक्ताओं को भी इसके बराबर का योगदान देना होता है। इसी खाते के जरिए किसी कर्मचारी को आगे चलकर पेंशन दी जाती है।