प्रवीण नांगिया (ज्योतिष सलाहकार):
आगामी नौ अप्रैल से चैत्र नवरात्र प्रारंभ हो रहे हैं। मंदिरों और घरों में कलश स्थापना के साथ ही मां भगवती की पूजा की शुरुआत होगी।
नवरात्र रेवती नक्षत्र और सर्वार्थ अमृत सिद्धि के सुयोग में आरंभ हो रहे हैं। 17 अप्रैल को रामनवमी का पूर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
इस नवरात्र में सर्वार्थ अमृत सिद्धि, सिद्ध योग, रवि योग, प्रीति, आयुष्मान योग और पुष्य नक्षत्र का सुयोग बन रहा है। वहीं बाजारों में चैत्र नवरात्र के चलते चहल-पहल देखी जा रही है।
देवी भक्त नवरात्र की खरीदारी में जुटे हैं। मंदिरों की साफ-सफाई से लेकर भव्य सजावट की जा रही है।
स्थानीय ज्योतिषचार्य पंडित आशुषतोष त्रिवेदी के अनुसार आठ अप्रैल को सोमवार रात्रि में 11:55 बजे चैत्र प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और अगले दिन यानी नौ अप्रैल को रात 8:30 बजे समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा का व्रत नौ अप्रैल को रखा जाएगा। चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:11 बजे से शुरू होकर 10:23 बजे तक रहेगा।
स्थानीय ज्योतिषचार्य पंडित आशुषतोष त्रिवेदी के अनुसार आठ अप्रैल को सोमवार रात्रि में 11:55 बजे चैत्र प्रतिपदा तिथि शुरू होगी और अगले दिन यानी नौ अप्रैल को रात 8:30 बजे समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्र की प्रतिपदा का व्रत नौ अप्रैल को रखा जाएगा। चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:11 बजे से शुरू होकर 10:23 बजे तक रहेगा।