भारतीय जनता पार्टी की कर्नाटक इकाई ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कर राज्य के वरिष्ठ IPS अधिकारी हेमंत निंबालकर को तत्काल सरकारी कामकाज से मुक्त करने और राज्य से दर-बदर करने की मांग की है।
भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है कि चूंकि निंबालकर की पत्नी अंजलि निंबालकर कांग्रेस के टिकट पर उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं, इसलिए उन्हें राज्य से बाहर किया जाय ताकि वह किसी को भी अपने पद और प्रभाव से प्रभावित ना कर सकें।
आयोग को लिखी चिट्ठी में भाजपा ने कहा है कि निंबालकर को चुनाव संबंधी सभी कार्यों से मुक्त कर दिया जाए क्योंकि ऐसा नहीं करने से हितों का टकराव होगा।
फिलहाल निंबालकर सूचना और जनसंपर्क विभाग के आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की वापसी के बाद उनकी नियुक्ति इस पद पर हुई है।
उनकी पत्नी पिछले विधानसभा चुनाव में खानापुर सीट से भी चुनाव लड़ चुकी हैं, जहां उन्हें भाजपा के विट्ठल हलगेकर ने शिकस्त दी थी।
शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा के विधान पार्षद सी नारायणस्वामी ने कहा कि उन्होंने कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से निंबालकर को किसी अन्य राज्य में तैनात करने का आग्रह किया है, क्योंकि वह आम चुनावों में अपनी शक्ति या प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं।
भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है, “वह एक प्रभावशाली और सीनियर आईपीएस अफसर हैं और उम्मीदवार के साथ उनके संबंध अन्य आईपीएस अधिकारियों और पुलिस अफसरों को प्रभावित कर सकते हैं, जिन्हें चुनावी ड्यूटी में प्रतिनियुक्त किया गया है।
इसके अलावा निंबालकर द्वारा अपनी पत्नी के लिए वोट मांगने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने की भी जानकारी मिली है।
अगर वह इसी पद पर बने रहते हैं तो वह कांग्रेस पार्टी और उसके उम्मीदवारों के पक्ष में अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर सकते हैं।”
कौन हैं अंजलि निंबालकर?
डॉ. अंजलि निंबालकर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री रहे शंकरराव चव्हाण की पोती और कर्नाटक की एक प्रसिद्ध स्त्री रोग विशेषज्ञ और IVF स्पेशलिस्ट हैं।
वह मूल रूप से धाराशिव के उमरगा गांव की रहने वाली हैं। मुंबई से अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद, उनकी शादी कोल्हापुर के बेटे और कर्नाटक के धदाडी के एक आईपीएस अधिकारी हेमंत निंबालकर से हुई। 2017 में वह खानापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस की विधायक चुनी जा चुकी हैं।