लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी होने के कर्टनाक में विरोध के स्वर फूटने लगे हैं।
हिंदूवादी मुद्दों के लिए मुखर रहने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता केएस ईश्वरप्पा ने बड़ा ऐलान कर दिया है। केएस ईश्वरप्पा के बेटे कांतेश को भाजपा ने टिकट नहीं दिया है।
ऐसे में ईश्वरप्पा ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ खुद लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा, बीवाई राघवेंद्र के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मुझपर बहुत दबाव है।
भारतीय जनता पार्टी मेरे लिए मां की तरह है लेकिन मैं समर्थकों की मांग को भी नजरअंदाज नहीं कर सकता। भाजपा को भी गला घोंटा जा रहा है और हमें किसी तरह से उसे बचाना है।
बता दें कि ईश्वरप्पा को उम्मीद थी कि उनके बेटे कांतेश को अगर विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया है तो लोकसभा में जरूर दिया जाएगा। हालांकि लिस्ट में 20 उम्मीदवारों में उनका नाम नहीं शामिल किया गया है।
ईश्वरप्पा ने कहा कि बीएस येदियुरप्पा ने खुद वादा किया था कि कांतेश को पार्टी का टिकट मिलेगा। उन्होंने कांतेश के लिए प्रचार करने का भी वादा किया था।
हालांकि हावेरी लोकसभा सीट से पूर्व सीएम बासवराज बोम्मई को उतार दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि 15 मार्च को वह अपने समर्थकों के साथ बैठक करेंगे और उसके बाद ही फाइनल फैसला लिया जाएगा। वह अपने बेटे कांतेश को भी निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर उतारने का प्लान बना रहे हैं।
केएस ईश्वरप्पा में कर्नाटक में भाजपा को बनाने वालों में से एक हैं। उन्हें बीएस येदियुरप्पा के बराबर ही माना जाता है। 2012 में जगदीश शेट्टार की सरकार में वह उपमुख्यमंत्री थे।
भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्हें राज्य सरकार के पद से 2022 में इस्तीफा देना पड़ा था। माना जा रहा है कि उनपर लगे आरोपों के चलते ही उनके बेटे का भी टिकट काट दिया गया है।
बीते साल विधानसभा चुनाव के वक्त जब उनके बेटे को टिकट नहीं मिला तो उन्होंने शांति से इसे स्वीकार कर लिया। उन्हें यही रोसा था कि येदियुरप्पा वादा पूरा करेंगे और लोकसभा का टिकट जरूर दिलवाएंगे।