चीन बढ़ा रहा परमाणु हथियार, क्या भारत के लिए खतरे की घंटी? 2030 तक इरादे हैं खतरनाक…

पड़ोसी देशों की जमीनों पर बुरी नजर रखने वाले चीन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है।

ड्रैगन ने पिछले कुछ सालों में चुपके से परमाणु हथियारों की तादाद बढ़ाई है। यही नहीं चीन अपनी सेना पीएलए को मजबूत बनाने में जुटा है। चीनी सेना ऐसे-ऐसे हथियार बना रही है, जो दुनिया के लिए बड़ा खतरा हो सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि चीन के पास अब लगभग 500 परमाणु हथियार हैं। यही नहीं चीनी सेना भविष्य में परमाणु हथियारों के और अधिक का उत्पादन करने पर जोर दे रही है।

दुनिया की महाशक्तियों में एक चीन के पास वर्तमान में सबसे तेजी से बढ़ते परमाणु शस्त्रागार हैं। अनुमान है कि चीन 2030 तक 1 हजार से अधिक परमाणु हथियार बनाने का टारगेट तय चुका है। इनमें से अधिकांश की तैनाती भी जल्द ही सुनिश्चित की जाएगी। चीन की इस महत्वकांक्षा से भारत और अमेरिका को सबसे ज्यादा खतरा है

बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स के 2024 न्यूक्लियर नोटबुक का अनुमान है कि चीनी सेना पीएलए खुद को मजबूत करने में जुटा है। चीनी सेना ऐसे-ऐसे घातक हथियार बनाने में जुटा है, जिनसे दुनिया को बड़ा खतरा हो सकता है, विशेषकर भारत और अमेरिका को। क्योंकि सीमा विवाद को लेकर चीन हमेशा भारत से पंगा लेता रहा है। इसके अलावा उसकी नजर विश्व शक्ति का तमगा लिए अमेरिका पर भी है।

पिछले अक्टूबर में, अमेरिकी रक्षा विभाग ने अपनी 2023 की वार्षिक रिपोर्ट में दो निष्कर्ष निकाले थे। पहला, मई 2023 तक, चीन के पास 500 से अधिक सक्रिय परमाणु हथियार हैं, जो पहले के अनुमान से अधिक है। 2022 की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि चीन का परमाणु भंडार 400 की संख्या को पार कर गया है। दूसरा, सेना को आधुनिक और मजबूत बनाने की होड़ में चीन 2030 तक 1,000 से अधिक परमाणु हथियार बनाने की उम्मीद कर रहा है। 

ड्रैगन के मंसूबे बेहद खतरनाक
मीडिया रिपोर्टस कहती हैं कि यदि चीन 2022 की तरह अपने परमाणु विस्तार की गति जारी रखता है, तो चीन के पास 2035 तक लगभग 1500 हथियारों का जखीरा हो सकता है। यही वह समय सीमा है जब तक चीनी सेना “मूल रूप से पूर्ण आधुनिकीकरण” करने की योजना बना रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले साल दिसंबर में रिपोर्ट किया था कि चीन “नई पीढ़ी के परमाणु हथियारों का परीक्षण” करने के लिए एक सैन्य प्रतिष्ठान तैयार कर रहा है।

चीन को फायदा क्या है?
आधुनिकीकरण की आड़ में चीन अपने परमाणु भंडार की वृद्धि कर दुनिया के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के बढ़ते परमाणु भंडार के पीछे दो वजहें मानी जा सकती हैं। पहला, अन्य परमाणु संपन्न देशों के साथ विश्वसनीय प्रतिरोध बनाए रखना, मुख्य रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत से। दूसरा, मजबूत परमाणु संपन्न देश के रूप में अपनी वैश्विक स्थिति में सुधार करना।

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