प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पिछले दिनों संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के दो दिवसीय दौरे पर थे।
इस दौरान उन्होंने जहां अबू धाबी में पहले हिन्दू मंदिर का उद्घाटन किया, वहीं, वहां के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के साथ दुबई के जेबेल अली मुक्त व्यापार क्षेत्र में ‘भारत मार्ट’ की आधारशिला रखी।
भारत मार्ट एक लाख वर्ग भूमि में बनने वाला एक ऐसा व्यापारिक केंद्र होगा जो भारतीय MSME कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच का एक प्रभावी मंच मुहैया कराएगा।
क्या है भारत मार्ट, क्या करेगा काम?
इस प्रोजेक्ट को आत्मनिर्भर भारत के सपनों को उड़ाने देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। 2025 तक इस प्रोजेक्ट के बनकर तैयार हो जाने और संचालन में आ जाने की उम्मीद है।
इसका निर्माण डीपी वर्ल्ड करेगी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह मार्ट भारत के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के उत्पादों को खाड़ी, पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरेशिया क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच बनाने का एक प्रभावी मंच प्रदान करेगा और उनके निर्यात को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यह मार्ट जेबेल अली बंदरगाह के करीब बन रहा है, जो भारतीय कंपनियों को वहां वेयर हाउस सुविधा उपलब्ध कराएगा। इसकी रणनीतिक स्थिति और लॉजिस्टिक में क्षेत्र में इसकी मजबूती का लाभ उठाकर भारत-यूएई द्विपक्षीय व्यापार को और आगे बढ़ाएगा।
इस वेयर हाउस फैसिलिटी सेंटर में भारतीय MSME कंपनियों के रिटेल शोरूम,ऑफिस और गोदाम होंगे, जहां से भारतीय MSME कंपनियों की अंतरराष्ट्रीय खरीदारों तक पहुंच आसान हो सकेगी।
पश्चिम तक MSME कंपनियों की पहुंच आसान
कहा जा रहा है कि जो MSME कंपनियां अपने प्रोडक्ट अमेरिका, यूरोप, पश्चिमी एशिया समेत अन्य पश्चिमी देशों में अपने उत्पाद की सप्लाई करना चाहती हैं उनके लिए भारत मार्ट एक वरदान साबित होगा।
इससे उनका निर्यात खर्च कम हो सकेगा और भारतीय उत्पादक एक ही छत के नीचे भारत मार्ट में कई उत्पाद शोकेस कर सकेंगे।
टेंशन में क्यों चीन?
दुबई में ही चीनी कंपनियों के प्रोडक्ट्स का एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक केंद्र ड्रैगन मार्ट है। ड्रैगन आकार में बने इस मार्ट में चीनी कंपनियों के उत्पाद भरे हैं।
यह एक लाख 50 हजार वर्ग मीटर में बना हुआ है, जहां करीब 4000 रिटेल शॉप्स हैं। अब इसी के बगल में ड्रैगन मार्ट-2 भी खुल चुका है, जहां रेस्टोरेंट, होटल और सिनेमा हॉल की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
उसी शहर में अत्याधुनिक भारत मार्ट के शिलानायस हो जाने से चीन टेंशन में आ गया है। यह मार्ट 2025 तक ऑपरेशन में आ जाएगा।
दरअसल, भारत और यूएई ने 2030 तक नॉन पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का आयात-निर्यात बढ़ाकर 8.3 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा करने का फैसला किया है। इस दिशा में भारत मार्ट संयुक्त अरब अमेरिका समेत अन्य देशों के लिए कारगर साबित होगा।
चीन को यही चिंता सताए जा रही है कि अगर भारत मार्ट संचालन में आ गया तो चीनी सामानों को विदेशी बाजार में न केवल टक्कर मिलेगी बल्कि भारतीय उत्पाद मिडिस-ईस्ट, सेंट्रल एशिया, यूरोप और अन्य पश्चिमी देशों के बाजार पर कब्जा जमा लेगा।