अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस की जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सी नवलनी की मौत के लिए पुतिन को जिम्मेदार बताया है।
बाइडन ने कहाकि वह नवलनी की मौत से हैरान नहीं, बल्कि आक्रोशित हैं। उन्होंने कहाकि नवलनी पुतिन सरकार द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार, हिंसा और अन्य बुरे कामों के खिलाफ बड़ी बहादुरी से खड़े हुए।
व्हाइट हाउस नवलनी की मौत से जुड़ी और अधिक जानकारी जुटाने में लगा हुआ है।
गौरतलब है कि 47 वर्षीय एलेक्सी नवलनी की जेल में मौत हो गई थी। नवलनी को सरकार में भ्रष्टाचार और रूसी शासन प्रतिष्ठान क्रेमलिन के खिलाफ व्यापक प्रदर्शनों के लिए जाना जाता था।
संघीय जेल सेवा ने एक बयान में कहा कि शुक्रवार को टहलने के बाद नवलनी को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत महसूस हुई और वह बेहोश हो गए।
इसने कहा कि नवलनी की मदद के लिए एक एंबुलेंस पहुंची, लेकिन उनकी मृत्यु हो गई। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेसकोव ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को नवलनी की मौत की सूचना दे दी गई है और जेल सेवा मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप जांच की जा रही है।
वहीं, नवलनी की पत्नी ने कहाकि अगर शुक्रवार को रूसी जेल सेवा द्वारा घोषित एलेक्सी नवलनी की मौत की पुष्टि हो जाती है तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके सहयोगियों को बख्शा नहीं जाएगा।
म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में यूलिया नवलनया ने कहा कि वह अपने पति की मौत की खबर को लेकर संशय में हैं क्योंकि यह रूसी सरकार के सूत्रों से आई है।
उन्होंने कहाकि हम पुतिन और पुतिन सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते। वे हमेशा झूठ बोलते हैं। वहीं, नवलनी की प्रवक्ता किरा यर्मिश ने ‘एक्स’ पर कहा कि उनकी टीम को अब तक उनकी मौत की कोई पुष्ट जानकारी नहीं है, और उनके वकील उस शहर में जा रहे हैं जहां उन्हें रखा गया था।
नवलनी चरमपंथ के आरोप में 19 साल की सजा काट रहे थे। उन्हें दिसंबर में मध्य रूस के व्लादिमीर क्षेत्र स्थित जेल से दूरदराज के आकर्टिक क्षेत्र में खार्प शहर स्थित रूस की उच्चतम सुरक्षा वाली एक जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था।
वह जनवरी 2021 में तबसे से सलाखों के पीछे थे जब वह नर्व एजेंट विष हमले के बाद जर्मनी में उपचार कराकर मॉस्को लौटे थे।
नर्व एजेंट विष हमले के लिए उन्होंने क्रेमलिन को दोषी ठहराया था।
नवलनी का जन्म मॉस्को से लगभग 40 किलोमीटर दूर ब्यूटिन में हुआ था। उन्होंने 1998 में पीपुल्स फ्रेंडशिप यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री प्राप्त की और 2010 में येल में फेलोशिप की।