‘दो पाकिस्तानियों की हत्या के पीछे भारतीय एजेंट्स’, पाक के आरोपों को भारत ने बताया झूठा; कहा- जो बोया है, वही काटेगा…

कनाडा की राह पर चलते हुए पाकिस्तान ने भी भारत पर बेतुके आरोप लगाए हैं।

पाकिस्तान के विदेश सचिव मुहम्मद साइरस सज्जाद काजी ने गुरुवार को कहा है कि इस्लामाबाद के पास भारतीय एजेंटों और सियालकोट और रावलकोट में दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या के बीच संबंधों के विश्वसनीय सबूत हैं।

पिछले साल कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का कनेक्शन भारतीय एजेंट्स के साथ जोड़ा था, जिसपर खूब विवाद हुआ था।

कनाडा के उन आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश सचिव काजी साल 2023 में दो पाकिस्तानियों की मौत का जिक्र कर रहे थे, जिनकी पहचान शाहिद लतीफ और मुहम्मद रियाज के रूप में हुई थी।

भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इन्हें झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार बताया है। साथ ही यह भी कहा है कि पाकिस्तान जो बोएगा, वही काटेगा।

भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ”हमने पाकिस्तान के विदेश सचिव की कुछ टिप्पणियों के संबंध में मीडिया रिपोर्टें देखी हैं।

यह झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार करने की पाकिस्तान की ताजा कोशिश है। जैसा कि दुनिया जानती है, पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का सेंटर रहा है।

भारत और कई अन्य देशों ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह आतंक और हिंसा की अपनी संस्कृति में भस्म हो जाएगा।

पाकिस्तान जो बोएगा वही काटेगा। अपने कुकर्मों के लिए दूसरों को दोषी ठहराना न तो कोई औचित्य हो सकता है और न ही कोई समाधान।”

पाकिस्तानी वेबसाइट ‘द डॉन’ के अनुसार, इस्लामाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के विदेश सचिव ने कहा कि भारत पाकिस्तान के अंदर अतिरिक्त-क्षेत्रीय और गैर-न्यायिक हत्याओं का अभियान चला रहा है।  

उन्होंने कहा, ”भारतीय एजेंटों ने पाकिस्तान में हत्याएं करने के लिए विदेशी धरती पर प्रौद्योगिकी और सुरक्षित पनाहगाहों का इस्तेमाल किया। उन्होंने इन हत्याओं में भूमिका निभाने के लिए अपराधियों, आतंकवादियों और संदिग्ध नागरिकों की भर्ती की, वित्त पोषण किया और उनका समर्थन किया।”

पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि भारतीय मीडिया और सोशल मीडिया अकाउंट्स ने भी तुरंत इन हत्याओं का दावा किया और उन्हें भारत के दुश्मनों के खिलाफ सफल प्रतिशोध के रूप में महिमामंडित किया है।

उन्होंने कहा कि संभावित हत्यारों की भर्ती सोशल मीडिया, नकली दाएश खातों का इस्तेमाल करके की गई थी। काजी ने कहा, “फाइनेंसरों, ठिकाने लगाने वालों और हत्यारों की टीमों को ऑपरेशन में नियोजित किया गया था।” उन्होंने कहा कि सभी संभावित ट्रैक को अस्पष्ट करने के लिए जानबूझकर एग्जिट योजनाएं भी विकसित की गई थीं।

दोनों की हत्याओं के बारे में जानकारी देते हुए पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि 11 अक्टूबर, 2023 को, शाहिद लतीफ की सियालकोट में एक मस्जिद के बाहर हत्या कर दी गई थी।

विस्तृत जांच से पता चला कि तीसरे देश में स्थित एक भारतीय एजेंट, योगेश कुमार ने हत्या की साजिश रची। काजी ने कहा कि कुमार ने शाहिद लतीफ का पता लगाने और उसकी हत्या करने के लिए पाकिस्तान में स्थानीय अपराधियों से संपर्क करने के लिए तीसरे देश में एक मजदूर मुहम्मद उमैर को भर्ती किया था।

विदेश सचिव ने कहा, “कुछ असफल प्रयासों के बाद, उमैर को हत्या को अंजाम देने के लिए व्यक्तिगत रूप से पाकिस्तान भेजा गया था।” उन्होंने कहा कि उमैर शाहिद लतीफ की हत्या करने में सफल रहा।”

वहीं, दूसरी हत्या के बारे में बात करते हुए, पाकिस्तानी विदेश सचिव ने कहा कि एक अन्य भारतीय एजेंट एक पाकिस्तानी व्यक्ति की हत्या में शामिल था, जिसकी पहचान मुहम्मद रियाज के रूप में हुई थी, जिसकी 8 सितंबर, 2023 को रावलकोट में एक मस्जिद के अंदर नमाज के दौरान हत्या कर दी गई थी।

काजी ने कहा, “कानून से जुड़ीं एजेंसियों ने हत्यारे, मुहम्मद अब्दुल्ला अली को ट्रैक किया और 15 सितंबर, 2023 को कराची के जिन्ना अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ान भरते समय उसे गिरफ्तार कर लिया।”

पूछताछ से पता चला कि अली को भारतीय एजेंटों अशोक कुमार आनंद और योगेश कुमार द्वारा भर्ती और निर्देशित किया गया था।

उन्होंने कहा कि भारतीय एजेंटों ने अली को भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम का इस्तेमाल किया। अली को भुगतान प्राप्त हुआ और उसे हथियार और गोला-बारूद प्रदान किया गया। काजी ने कहा कि मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है।

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