पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर हैजहाँ भिलाई के मैत्री बाग में सफ़ेद बाघों के कुनबे में नए दो मेहमानों, नर शावकों का जन्म हुआ है।
आम लोग इन शावकों की पहली झलक आज यानि 5 जनवरी से देख सकेंगे।
बता दें एक और सफेद बाघिन ‘रक्षा’ ने 28 अप्रैल को 3 नन्हें शावकों को जन्म दिया था। सितम्बर में जन्में इन दो शावकों के साथ ही मैत्री बाग में सफेद बाघों की कुल संख्या 10 हो गई है।
भिलाई मैत्री बाग में सफ़ेद बाघों की सबसे अधिक संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिड़ियाघरों में से एक बन गया है।
मैत्री बाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमानुसार, अब तक देश के 5 से भी अधिक चिडियाघरों में सफ़ेद बाघों का आदान-प्रदान किया है।
इन दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजाति राजसी सफेद बाघ और उनके नन्हें शावक अपने आकर्षक धारियों, सफेद रंग और चमकदार नीली आंखों के साथ सभी को भाएंगे| नए शावकों की मां रोमा अभी 9 साल की है| रोमा ने पिछले 4.5 माह से बच्चों का लालन किया है।
भिलाई मैत्री बाग प्रभारी एवं उप महाप्रबंधक (उद्यानिकी) डॉ एन के जैन के मार्गदर्शन में मैत्री भाग के जू-कीपर्स मुहर्रम, मोहन, नरसैया द्वारा शावकों के जन्म से लेकर वर्तमान तक पूरी देखभाल की जा रही है।
सन 1997 में तरुण एवं तापसी की जोड़ी को नंदनकानन चिडियाघर ओडिसा से मैत्री बाग जू लाया गया था, तब से मैत्री बाग चिडियाघर में सफ़ेद शेर का कुनबा अधिक हुआ और मैत्री बाग जू द्वारा देश के 05 चिडियाघरों जवाहर लाल नेहरु जूलोंजिकल पार्क बोकारो, लखनऊ जूलोंजिकल गार्डन, राजकोट जूलोंजिकल पार्क राजकोट, इंदिरा गाँधी प्राणी संग्रहालय इंदौर, जूलोंजिकल & रेस्कुयु सेंटर मुकुंदपुर सतना मध्यप्रदेश में 12 से अधिक सफेद शेरों को दिया गया।
वर्तमान में मैत्री बाग चिडियाघर में 10 सफ़ेद शेर है।