इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अयोध्या के राम मंदिर जैसा भव्य मंदिर बनाया जा रहा है।
इस मंदिर का उद्घाटन अगले साल 14 फरवरी को किया जाएगा। इस मंदिर के उद्धाटन समारोह में पीएम मोदी को भी शामिल होने के लिए न्योता दिया गया था, जिसे पीएम ने स्वीकार कर लिया है।
यूएई की राजधानी अबू धाबी में बन रहा यह अब तक का सबसे बड़ा मंदिर होने वाला है। इसे 55 हजार वर्ग मीटर में बनाया गया है।
इस भव्य मंदिर के निर्माण के लिए भारत से कलाकारों को बुलाया गया है। इस मंदिर निर्माण यूएई और भारत की दोस्ती और सद्भाव को एक नई ऊंचाई पर ला देगा।
जब पीएम मोदी साल 2015 में यूएई की यात्रा पर गए थे तब से ही इस मंदिर को लेकर काफी चर्चाएं थीं।
पीएम मोदी ने रखी थी आधारशिला
मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए संबंध में पीएम मोदी ने गुरुवार को बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्थान (बीएपीएस) का निमंत्रण स्वीकार किया। मंदिर के बारे में खास बात यह है कि अयोध्या के भव्य राम मंदिर की तरह इस मंदिर की आधारशिला भी प्रधानमंत्री मोदी ने ही रखी थी।
प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर किसी भी मुस्लिम देश में बनने वाला यह सबसे भव्य और पहला मंदिर होगा। इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अबू धाबी में बनने वाला यह मंदिर पूरे विश्व को भारत की आध्यात्मिक शक्ति का परिचय देगा और विश्व बंधुत्व के भारतीय सिद्धांत को लोगों तक पहुंचाएगा।
होंगी ऐसी खूबियां
अबू धाबी में बन रहे इस भव्य मंदिर में 18 फरवरी से जनता को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। अधिकारियों ने बताया कि मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में है।
मंदिर परिसर में एक अतिथि केंद्र, प्रार्थना कक्ष, प्रदर्शनियां, अध्ययन और प्ले एरिया, पार्किंग, उद्यान, एक फूड कोर्ट है। किताबों की दुकान और उपहार की दुकानें होंगी।
कितना होगा खर्च
इस मंदिर का निर्माण गुलाबी बलुआ पत्थर से किया गया है, जो एक हजार वर्षों से भी अधिक समय में क्षतिग्रस्त नहीं होगा। इस मंदिर में सफेद संगमरमर का भी प्रयोग किया गया है।
मंदिर में सभी धर्मों को प्रवेश की अनुमति होगी। मंदिर परिसर में 8,000 से 10,000 लोग रह सकते हैं।
परिसर में आने वालों को दो भव्य फव्वारे नजर आएंगे, जो भारत की गंगा और यमुना नदियों के प्रतीक बताए जा रहे हैं। इस मंदिर के निर्माण में 700 करोड़ रुपये की लागत खर्च हुई है।