तमिलनाडु में भारी बारिश के चलते लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है।
कई जिलों में जलभराव की स्थिति लगातार बनी हुई है। दो दिनों में 10 लोगों की मौत हो गई। कुछ जिलों में स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टी घोषित की गई है।
कई जगह ट्रेन यातायात भी प्रभावित हुआ है। उधर, बाढ़ जैसी विकराल स्थिति को देखते हुए श्रीवैकुंठम समेत कई इलाकों में सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया है।
तमिलनाडु के मुख्य सचिव शिव दास मीना ने मंगलवार को जानकारी दी कि पिछले दो दिनों में दक्षिणी जिलों के कई हिस्सों में भारी बारिश के कारण सामान्य जनजीवन बाधित होने से 10 लोगों की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की भविष्यवाणी भी गलत था। अनुमान से कहीं ज्यादा बारिश हुई है।
उन्होंने कहा, “बारिश के कारण तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन जिलों में दस लोगों की मौत हो गई है। कुछ की जान दीवार गिरने से गई, तो कुछ की मौत बिजली का करंट लगने से हुई।”
बारिश के बारे में कुछ जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दक्षिणी जिलों, विशेष रूप से तिरुनेलवेली और तूतीकोरिन में रिकॉर्ड बारिश और बाढ़ देखी गई। इस बीच, तिरुनेलवेली जिला कलेक्टर केपी कार्तिकेयन ने जिले में बाढ़ की स्थिति पर विवरण दिया और कहा, “बाढ़ से घायलों की संख्या नौ है।”
ल-कॉलेजों में छुट्टी, ट्रेनें भी कैंसल
भारी बारिश को देखते हुए तिरुनेलवेली और तेनकासी जिलों में स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी घोषित कर दी गई है। इसी तरह, थुथुकुडी जिले में भी अवकाश घोषित किया गया है।
वहीं, बुधवार को इन जिलों में भारी बारिश के कारण ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। दक्षिण रेलवे ने रद्द/आंशिक रूप से रद्द ट्रेनों की सूची जारी की है।
सेना ने संभाला मोर्चा
कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं और अधिकारी बचाव एवं राहत अभियान चला रहे हैं। भारतीय सेना की बचाव टीम श्रीवैकुंठम पहुंची।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) और भारतीय सेना दक्षिणी राज्य में बचाव कार्यों में लगातार मदद कर रही है। खराब मौसम में काम करते हुए IAF हेलीकॉप्टर Mi-17 V5 और ALH ने 20 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी और 10 टन से अधिक राहत सामग्री गिराई।
इस बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मंगलवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बाढ़ से उबरने के लिए राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2,000 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है।