कर्नाटक में स्कूली छात्रों से जबरन सेप्टिक टैंक साफ कराने का मामला सामने आया है।
खबर है कि सफाई करने वाले छात्रे अनुसूचित जाति यानी SC से आते हैं। फिलहाल, इस मामले में कार्रवाई की गई है और प्रिंसिपल समेत कई अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी जानकारी दी है कि मामले में जांच के आदेश जारी किए गए हैं।
घटना कोलार जिले के मोरारजी देसाई आवासीय विद्यालय की है। कहा जा रहा है कि कुछ वीडियो सामने आने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था।
राज्य सरकार में मंत्री एचसी महादेवप्पा ने आदेश जारी किए, ‘एक जिम्मेदार संगठन ऐसे कामों में बच्चों को नहीं लगा सकता।
यह बेहद निंदनीय है। जैसे ही मुझे इसकी जानकारी मिली, मैंने प्रिंसिपल से बात की और प्रिंसिपल, वॉर्डन और अन्य अधिकारियों को निलंबित किया।’
निलंबित किए जाने वालों में प्रिंसिपल भारतम्मा के अलावा शिक्षक मुनियप्पा, अभिषेक और वॉर्डन मंजूनाथ का नाम शामिल है। सीएम का कहना है, ‘मुझे इस घटना के बारे में पता चला है और मैंने रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’
वीडियो में क्या
कथित वीडियोज में नजर आ रहा है कि 7वीं से 9वीं कक्षा के कुछ 5-6 बच्चों को सेप्टिक टैंक में उतारा गया और सफाई कराई गई। इस दौरान मौके पर प्रिंसिपल और शिक्षक मौजूद थे। छात्रों को परेशानियां और स्कूल की दिक्कतों के बारे में बताते हुए भी दिखाया गया है।
छात्रों ने शारीरिक उत्पीड़न और देर रात हॉस्टल के बाहर सजा दिए जाने के भी आरोप लगाए हैं। लाइव हिन्दुस्तान वायरल वीडियोज की पुष्टि नहीं करता है।
सियासी बवाल शुरू
अब इस घटना को लेकर राज्य में सियासी बवाल भी शुरू हो गया है। कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने इसकी कड़ी निंदा की है।
साथ ही उन्होंने मंत्री महादेवप्पा से नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देने की मांग भी की है।