बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के अमरोहा से लोकसभा सांसद दानिश अली को पार्टी से सस्पेंड कर दिया।
उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप लगाए गए हैं। दानिश अली जेडीएस से बसपा में आए थे और पिछले लोकसभा चुनाव में पहली बार सांसद बने।
इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देते हुए लोकसभा में बसपा का नेता तक बना दिया। दानिश अली को बसपा से सस्पेंड किए जाने की जानकारी पार्टी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने एक पत्र के जरिए दी।
उन्होंने कहा कि आपको कई बार मौखिक रूप से कहा गया कि आप पार्टी की नीतियों, विचारधारा और अनुशासन के खिलाफ जाकर कोई भी बयानबाजी या काम न करें, लेकिन इसके बाद भी आप पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं। इसी आरोप के बाद अली को बसपा से निकाल दिया गया।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले मायावती का यह बड़ा ऐक्शन माना जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में मायावती की बसपा और सपा ने साथ चुनाव लड़ा था, जिसका असर भी दिखाई दिया और अमरोहा समेत दस सीटों पर बसपा की जीत हुई।
राहुल गांधी और कांग्रेस से करीबी तो नहीं बनी सस्पेंड होने की वजह?
दानिश अली उत्तर प्रदेश की अमरोहा सीट से बसपा के सांसद हैं। बसपा सांसद अभी हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद रमेश बिधूड़ी ने 21 सितंबर को लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली के खिलाफ कथित आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया था।
बिधूड़ी ने ‘चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए अली के खिलाफ कुछ ऐसी टिप्पणी की थी जिस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया था।
दानिश अली ने कहा था कि भाजपा सदस्य को अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगनी चाहिए। इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी बसपा सांसद दानिश अली से मिले थे और तभी से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया था।
राहुल गांधी ने कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ दानिश अली से मुलाकात की थी। इसके बाद अटकलें लगने लगी थीं कि क्या दानिश अली बसपा से दूर होकर सपा-कांग्रेस वाले ‘इंडिया’ गठबंधन के करीब आ रहे हैं? कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के अलावा यूपी कांग्रेस चीफ अजय राय ने भी दानिश अली से मुलाकात की थी।
कांग्रेस-सपा या कहीं और? किसमें जाएंगे दानिश अली?
बसपा से सस्पेंड होने के बाद अमरोहा से सांसद दानिश अली को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर अब उनका अगला ठिकाना किधर होगा? राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ दानिश अली के अच्छे रिश्ते हैं। इसके अलावा, सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ भी दानिश अली के संबंध ठीक हैं।
दोनों ही दल बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में हराने के उद्देश्य से बने ‘इंडिया’ गठबंधन के सदस्य हैं। कहा जा रहा है कि यूपी में अखिलेश यादव और कांग्रेस साथ-साथ चुनाव लड़ सकते हैं।
यदि ऐसा होता है तो दानिश अली दोनों में किसी भी दल में जाकर संयुक्त उम्मीदवार बन सकते हैं। इसके अलावा, अगर कांग्रेस के पिछले दिनों की सियासत को देखें तो उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से कई पुराने नेताओं ने फिर से पार्टी का दामन थामा है।
कभी कांग्रेस में रहे इमरान मसूद, सपा और फिर बसपा से होते हुए दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, दानिश अली भविष्य में कांग्रेस का दामन भी थाम सकते हैं।
उत्तर प्रदेश में तमाम अन्य जातियों के अलावा, कांग्रेस की नजर अल्पसंख्यक वोटों पर भी है। इमरान मसूद के बाद अब दानिश अली कांग्रेस में शामिल होते हैं तो न सिर्फ उत्तर प्रदेश में, बल्कि देशभर में कांग्रेस को कुछ फायदा मिल सकता है।