चरमपंथी संगठन तालिबान ने जब से अफगानिस्तान में सत्ता संभाली है, वहां के लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है। उग्रवादी सोच की वजह से दुनिया के कई देशों ने तालिबान को अभी तक मान्यता नहीं दी है।
भारत भी इन्हीं देशों में से एक है। हाल ही में तालिबान ने यह कहकर भारत में अफगान दूतावास बंद कर दिए थे कि भारत से उन्हें सपोर्ट नहीं मिल रहा।
अब तालिबान ने पलटी मारते हुए भारत में बंद पड़े अफगान दूतावास खोलने की घोषणा कर दी है। उनके विदेश उप मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास ने कहा कि अफगानिस्तान भारत के साथ अपने संबंधों की मजबूती के लिए समर्पित है। हमने मुंबई और हैदराबाद में दूतावास फिर से खोल दिया है।
तालिबान द्वारा नियुक्त अफगानिस्तान के विदेश मामलों के उप राजनीतिक मंत्री शेर मोहम्मद अब्बास स्टानिकजई ने एक बयान में कहा, “अफगानिस्तान भारत के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए समर्पित है।
भारत में एक अफगान दूतावास खोलने की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। दूतावास का प्रबंधन प्रतिष्ठित अफगान राजनयिकों द्वारा किया जाएगा जो अफगानिस्तान और भारत के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे। और भारत में रह रहे अफगान लोगों को उचित सुविधाएं देंगे।”
भारत में राजनयिक मिशन पर तालिबान का कब्जा
अफगान दूतावास ने सोशल मीडिया पोस्ट में यह भी कहा कि अफगानिस्तान अपने सैद्धांतिक रुख पर बरकरार है और भारतीय लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता है।
हमने भारत सरकार से अफगान छात्रों, रोगियों और व्यापारियों की मदद के लिए वीजा बढ़ाने का आग्रह किया है। पोस्ट में कहा गया, “तालिबान ने अब आधिकारिक तौर पर भारत में राजनयिक मिशन पर कब्जा करने की बात स्वीकार कर ली है।
मुंबई और हैदराबाद में चल रहा काम
इससे पहले खामा प्रेस ने बुधवार को अब्बास स्टानिकजई के हवाले से कहा था कि मुंबई और हैदराबाद में अफगान वाणिज्य दूतावास फिर से खोल दिए गए हैं और काम करना शुरू कर दिया है।
पहले दिखाई थी अकड़
तालिबान ने हाल ही में पहले भारत में अफगान दूतावास बंद करने की घोषणा की थी। इसके पीछे की वजह में तालिबान ने कहा था कि मेजबान देश से सपोर्ट न मिल पाने के कारण उन्हें ऐसा करना पड़ रहा है। तालिबान ने 30 सितंबर को ऐलान किया था एक अक्टूबर से वे कामकाज बंद कर रहे हैं।